संशोधित जीएसटी विधेयक शीतकालीन सत्र में: जेटली
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संशोधित जीएसटी विधेयक शीतकालीन सत्र में: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए एक संशोधित संविधान संशोधन विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए एक संशोधित संविधान संशोधन विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) चरणबद्ध तरीके से खत्म करने से राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की पहली ‘किस्त’ पर संसद के शीतकालीन सत्र में कदम उठाया जाएगा।

जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे विश्वास है कि शीतकालीन सत्र में संशोधित जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पेश कर दिया जाएगा। राज्यों को सीएसटी मुआवजे की पहली किस्त हस्तांतरित करने के लिए हमने शीतकालीन सत्र का लक्ष्य रखा है। सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक अप्रैल, 2016 से लागू करने का प्रस्ताव किया है और नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से जुड़े मुद्दों को देखने के लिए इससे पहले ही नया वित्त आयोग गठित किया जा सकता है।

गौरतलब है कि संप्रग सरकार ने जीएसटी के लिए 2011 में लोकसभा में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। राज्यों ने केंद्र से जीएसटी लागू करने के पहले पांच साल तक मुआवजे की व्यवस्था करने की मांग की है और संशोधन विधेयक में इस आशय का प्रावधान शामिल करने की मांग की है। राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे पर आम सहमति नहीं बन पाने की वजह से जीएसटी का क्रियान्वयन लंबित है। राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह के चेयरमैन एवं कश्मीर के वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राठेर ने कहा है कि केंद्रीय बिक्री कर मुआवजे के तौर पर मार्च, 2010 तक 13,000 करोड़ रुपये केंद्र के पास लंबित था।

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