सुप्रीम कोर्ट का सहारा को अल्टीमेटम; एंबी वैली की प्रॉपर्टी 15 मई तक बेचो, वरना नीलाम कर देंगे
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सुप्रीम कोर्ट का सहारा को अल्टीमेटम; एंबी वैली की प्रॉपर्टी 15 मई तक बेचो, वरना नीलाम कर देंगे

पीठ ने शुरुआत में कहा कि समूह आंबी वैली के किसी भी हिस्से को बेचकर 15 मई तक 750 करोड़ रुपये जमा करे. हालांकि, बाद में पीठ ने कहा कि वह अपने आदेश में राशि का जिक्र नहीं करेगी.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार (19 अप्रैल) को सहारा समूह को महाराष्ट्र के आंबी वैली शहर परियोजना में अपनी संपत्ति के किसी भी हिस्से का चयन कर उसे 15 मई तक बेचने और इससे प्राप्त रकम सेबी-सहारा खाते में जमा करने की अनुमति प्रदान कर दी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए के सिकरी की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने सुब्रत राय और सहारा समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की इस दलील पर विचार किया कि उन्हें खुद (सहारा समूह को) संपत्ति बेचने की अनुमति दी जानी चाहिये क्योंकि नीलामी से वांछित दाम नहीं मिल सकेगा.

  1. 15 मई तक 750 करोड़ रुपये जमा करे सहारा.
  2. सहारा ने जमा कराई 17,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि.
  3. मामले की अगली सुनवाई 16 मई को.

15 मई तक 750 करोड़ रुपये जमा करे सहारा
पीठ ने शुरुआत में कहा कि समूह आंबी वैली के किसी भी हिस्से को बेचकर 15 मई तक 750 करोड़ रुपये जमा करे. हालांकि, बाद में पीठ ने कहा कि वह अपने आदेश में राशि का जिक्र नहीं करेगी. उसने कहा कि यदि सहारा समूह 15 मई तक संपत्ति बेचने में असफल रहता है तो बंबई उच्च न्यायालय का आधिकारिक परिसमापक संपति की बिक्री के लिये प्रस्तावित नीलामी प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगा.

मामले की अगली सुनवाई 16 मई को
अदालत ने विशेषतौर पर सहारा समूह से कहा कि उनके पास संपत्ति बेचने के लिये 15 मई तक का समय है अन्यथा इसकी नीलामी की जायेगी. पीठ ने कहा कि समूह को कुछ और राशि जमा कराकर अपनी प्रमाणिकता स्थापित करनी चाहिये. इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिये 16 मई का दिन तय कर दिया.

सहारा ने जमा कराई 17,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि
मामले की आज (गुरुवार, 19 अप्रैल) हुई सुनवाई में सिंह ने कहा कि सहारा समूह पहले ही 17,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा करा चुका है. ऐसे में उनकी बात सुनी जानी चाहिये क्योंकि कुछ मुद्दे हैं जिनपर गौर करने की जरूरत है. पीठ ने समूह से कहा कि वह बंबई उच्च न्यायालय के कंपनी न्यायधीश को संपत्ति की बिक्री के बारे में जानकारी देते रहें और बिक्री से प्राप्त राशि को सेबी- सहारा रिफंड खाते में जमा करा दें.

अदालत ने उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक और आंबी वैली परिसंपत्तियों की देखरेख के लिये नियुक्त रिसीवर द्वारा दायर रिपोर्ट पर गौर किया और कहा कि सहारा समूह इन संपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव शुरू करेगा. पीठ ने अदालत के रिसीवर से कहा कि वह इन संपत्तियों में रहने वाले निवासियों से रखरखाव के लिये धन जुटाये और यदि समूह रखरखाव का कार्य शुरू करता है तो इसे समूह को सौंप दे.

21 से 31 मई तक मंगायी जायेंगी निविदा 
उधर, आधिकारिक परिसमापक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने आंबी वैली संपत्ति की बिक्री के लिये प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिये 21 से 31 मई तक निविदा मंगायी जायेंगी और नीलामी दो जून से शुरू होगी. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 23 नवंबर को बंबई उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों को इन संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया अपनाने की छूट प्रदान करते हुये परिसमापक को निर्देश दिया था कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकार के व्यावधान की इजाजत नहीं दी जाये.

न्यायालय ने लगाई थी सहारा को फटकार
इससे पहले, न्यायालय ने नीलामी प्रक्रिया में सहारा समूह की कथित अड़ंगेबाजी पर कड़ी आपत्ति करते हुये चेतावनी दी थी कि इस तरह के कृत्य में लिप्त व्यक्ति को जेल भेजा जायेगा. न्यायालय ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेन्ट कॉर्प लिमिटेड को 31 अगस्त, 2012 को अपने निवेशकों को 24 हजार करोड़ रूपए लौटाने का आदेश दिया था. इस आदेश का पालन करने में विफल रहने की वजह से सुब्रत राय और दो अन्य निदेशकों रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को गिरफ्तार किया गया था. राय ने करीब दो साल तिहाड़ में गुजारे और इस समय वह पेरोल पर हैं.

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