शेयर बाजार में जोरदार गिरावट, सेंसेक्स 723 अंक टूटा
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शेयर बाजार में जोरदार गिरावट, सेंसेक्स 723 अंक टूटा

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा अन्य सुधारों को लेकर चिंता के बीच आज बंबई शेयर बाजार में 723 अंक की जोरदार गिरावट आई। नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह एक दिन में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है।

शेयर बाजार में जोरदार गिरावट, सेंसेक्स 723 अंक टूटा

मुंबई : बंबई शेयर बाजार में आज जोरदार गिरावट आई और सेंसेक्स 723 अंक टूट गया। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा अन्य सुधारों को लेकर चिंता के बीच बाजार में भारी बिकवाली का सिलसिला देखने को मिला। नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह सेंसेक्स में एक दिन में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है।

सुधारों की प्रक्रिया को लेकर बाजार में व्यापक आधार पर बिकवाली देखने को मिली। जीएसटी विधेयक को भारी राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि लोकसभा ने इसे पारित कर दिया। इसके अलावा सेवा व विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती तथा कराधान की चिंता को लेकर भी बाजार में दबाव रहा।

कुछ कारोबारियों का कहना है कि लोकप्रिय बालीवुड अभिनेता सलमान खान को वाहन से टक्कर मार कर भागने के 13 साल पुराने मामले में पांच साल की सजा सुनाए जाने की भी बाजार की गिरावट में भूमिका हो सकती है। बड़ी संख्या में एचएनआई निवेशक और कारोबारी अपने कोष का शेयर बाजार, रीयल एस्टेट व फिल्म उद्योग के बीच अदला-बदली करते रहते हैं।

बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 27,473.36 अंक पर मजबूत खुलने के बाद 27,501.15 अंक के उच्च स्तर तक गया। हालांकि, बाद में बिकवाली दबाव से यह 27,000 अंक से नीचे आ गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 26,677.64 अंक के निचले स्तर तक गया। अंत में यह 722.77 अंक या 2.63 प्रतिशत के नुकसान से 26,717.37 अंक पर बंद हुआ। यह इसका करीब पांच महीने का निचला स्तर है। इससे पहले 6 जनवरी को सेंसेक्स 855 अंक टूटा था।

इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 227.80 अंक या 2.74 प्रतिशत के नुकसान से 8,100 अंक से नीचे 8,097 अंक पर आ गया। रेलिगेयर सिक्योरिटीज के अध्यक्ष (खुदरा वितरण) जयंत मांगलिक ने कहा, संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों पर सरकार व विपक्ष में जारी गतिरोध चिंता का विषय है। नयी सरकार के सुधारों की रफ्तार तेज करने के वादे के बाद पिछले नौ महीनों में सेंसेक्स में लगातार तेजी का दौर बना हुआ है। इस साल मार्च में यह 30,000 अंक से ऊपर पहुंच गया था। हालांकि, उसके बाद से सेंसेक्स करीब 3,300 अंक का नुकसान दर्ज कर चुका है।

रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख हितेश अग्रवाल ने कहा, पिछले तीन सप्ताह में मुख्य रूप से विदेशी संस्थागत निवेशकों के बीच न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) की चिंता में ही सेंसेक्स आठ प्रतिशत से अधिक या 2,400 अंक टूट चुका है। मार्च तिमाही के नतीजों को लेकर बेचैनी तथा लगातार दूसरे साल मानसून कमजोर रहने की भविष्यवाणी भी बाजार को प्रभावित कर रही है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 29 में नुकसान रहा। सिर्फ भारती एयरटेल के शेयर में ही लाभ रहा।

सेंसेक्स की कंपनियों में भेल में सबसे अधिक 6.21 प्रतिशत की गिरावट आई। आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 4.95 प्रतिशत, एलएंडटी 4.68 प्रतिशत, मारति सुजुकी 4.20 प्रतिशत, एनटीपीसी 4.09 प्रतिशत, सिप्ला 3.96 प्रतिशत, ओएनजीसी 3.96 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 3.88 प्रतिशत व टाटा पावर 3.74 प्रतिशत नुकसान में रहे।

अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने कल शुद्ध रूप से 756.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया व ताइवान में 0.02 से 1.62 प्रतिशत की गिरावट आई। जापान के बाजार में आज अवकाश था। हालांकि, शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार कुछ उपर चल रहे थे।

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