टाटा समूह की कंपनियों ने साइरस मिस्त्री के आरोपों को नकारा
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टाटा समूह की कंपनियों ने साइरस मिस्त्री के आरोपों को नकारा

साइरस मिस्त्री को पिछले साल (2016) अक्तूबर में टाटा समूह की कंपनियों की प्रवर्तक कंपनी टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. 

मिस्त्री ने आरोप लगाए थे कि समूह की कई कंपनियों में कामकाज और नैतिकता के मामले में उनके पहले लापरवाही बरती गई.

नई दिल्ली: टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और इंडियन होटल्स समेत टाटा समूह की प्रमुख कंपनियों ने अपनी वार्षिक रपटों के जरिए अपने शेयरधारकों को यह बताया है कि उनकी कंपनियों के कामकाज में लापरवाही को लेकर लगाए गए समूह के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के आरोप निराधार हैं.

उल्लेखनीय है कि मिस्त्री को पिछले साल अक्तूबर में टाटा समूह की कंपनियों की प्रवर्तक कंपनी टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. मिस्त्री ने आरोप लगाए थे कि समूह की कई कंपनियों में कामकाज (कॉरपोरेट गवर्नेंस) और नैतिकता के मामले में उनके पहले लापरवाही बरती गई.

उन्होंने टाटा मोटर्स का घाटे में चल रही नैनो परियोजना को बंद करने का मुद्दा उठाया था जो उनकी राय में रतन टाटा से जुड़ी भावनाओं के कारण बंद नहीं किया जा सका. टाटा मोटर्स ने बिना किसी विशेष मुद्दे को छुए अपनी 2016-17 की वार्षिक रपट में कहा,’ 

टाटा स्टील ने भी मिस्त्री के उस दावे को खारिज कर दिया कि ब्रिटेन की इस्पात कंपनी कोरस के लिए ‘अधिक भुगतान’ किया गया और इसके पीछे अहम वजह रतन टाटा का अहम था. इसी प्रकार टाटा पावर ने भी अपनी वार्षिक रपट में कहा है कि कंपनी में कामकाज और नैतिकता को लेकर लगाए गए आरोपों को वह खारिज करती है.

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