टीसीएस के कर्मचारी से टाटा संस के चेयरमैन पद तक चंद्रशेखरन
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टीसीएस के कर्मचारी से टाटा संस के चेयरमैन पद तक चंद्रशेखरन

टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस के नवनियुक्त चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने गुरुवार को कहा कि समूह अभी तीव्र बदलाव के दौर में है और उनका लक्ष्य होगा कि वह समूह की वृद्धि में ‘नैतिकता और उन मूल्यों के साथ मदद कर सकें जिन आधार पर इसका निर्माण हुआ है।’ 

टीसीएस के कर्मचारी से टाटा संस के चेयरमैन पद तक चंद्रशेखरन

मुंबई: टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस के नवनियुक्त चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने गुरुवार को कहा कि समूह अभी तीव्र बदलाव के दौर में है और उनका लक्ष्य होगा कि वह समूह की वृद्धि में ‘नैतिकता और उन मूल्यों के साथ मदद कर सकें जिन आधार पर इसका निर्माण हुआ है।’ 

चंद्रशेखरन समूह की सबसे अहम कंपनी टीसीएस के प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने तमिलनाडु के तिरचिरापल्ली क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज से 1987 में मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशंस (एमसीए) करने के तुरंत बाद टीसीएस में नौकरी शुरू कर दी थी। यहीं काम करते हुए 2009 में वह टीसीएस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी नियुक्त हुए। वर्तमान में वह इसी पद पर अपना पांच साल दूसरा कार्यकाल संभाल रहे हैं। उन्होंने अपने समय में देश को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र का सुपरपावर बनते देखा है और टीसीएस को इस क्षेत्र की सिरमौर कंपनी बनाने में अहम योगदान दिया है जो पूरे समूह के लिए भी चमकता सितारा है।

लगभग 100 अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले टाटा समूह का प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद 54 वर्षीय चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा समूह में, हम तीव्र बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। मैं इस बात को जानता हूं कि इस पद की भारी जिम्मेदारियां हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा यह प्रयास होगा कि मैं समूह की वृद्धि में नैतिकता और उन मूल्यों के साथ मदद कर सकूं जिनके आधार पर टाटा समूह का निर्माण हुआ है।’ उन्होंने कहा कि सही मायनों में एक महान संस्थान का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने पर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। भारत और दुनिया के लोगों के दिलों में इस समूह के लिए एक विशेष स्थान है।

चंद्रशेखरन ने उन्होंने अपनी नियुक्ति की घोषणा के बाद कहा कि ‘टाटा समूह अभी एक तीव्र बदलाव से गुजर रहा है और उनका प्रयास होगा कि समूह को नैतिकता और उन मूल्यों के साथ आगे बढ़ाने में मदद की जा सके जिसके आधार पर इसका निर्माण हुआ है।‘ चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि ‘पूरे समूह को एक साथ बांधकर रखना उनकी जिम्मेदारी है।’ उन्होंने कहा ‘मैं सभी के साथ संपर्क करूंगा, टाटा संस के चेयरमैन की जिम्मेदारी विशाल है। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष से ज्यादा समय से टाटा परिवार का हिस्सा होने पर उन्हें गर्व है और यह पद मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। चंद्रशेखरन ने उन्हें चुने जाने के लिए टाटा संस के निदेशक मंडल और रतन टाटा का भी धन्यवाद किया। 

चंद्रशेखरन टाटा समूह के चेयरमैन पद पर पहुंचने वाले गैर-शेयरधारक है। उनका टाटा परिवार से भी संबंध नहीं है। इस पद के लिए रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, समूह की कंपनी जेएलआर के राल्फ स्पेथ, पेप्सिको की इंदिरा नूयी, वोडाफोन के पूर्व प्रमुख अरूण सरीन के नामों पर भी विचार किए जाने की चर्चा थी।

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