फिक्स्ड डिपॉजिट की पेशकश बैंक और कंपनियां दोनों करते हैं। कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।
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नई दिल्ली (मनीश कुमार मिश्र) : ज्यादातर लोग ज्यादा मुनाफा का लालच न करते हुए ऐसे विकल्पों में अपने पैसों का निवेश करना चाहते हैं जो कम से कम सुरक्षित तो रहे। फिक्स्ड डिपॉजिट इसका एक बेहतरीन विकल्प है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सबसे अधिक निवेश फिक्स्ड डिपॉजिट में किया हुआ है। फिक्स्ड डिपॉजिट की पेशकश बैंक और कंपनियां दोनों करते हैं। कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।
कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट की दरें
कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट की बात करें तो केटीएफडीसी 7 दिन से लेकर 5 साल की अवधि के लिए 8.8.5 फीसदी ब्याज दे रहा है। वहीं श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस कंपनी 1.5 साल की अवधि के लिए 7.75 फीसदी से 8.60 फीसदी ब्याज की पेशकश कर रही है। महिंद्रा फाइनेंस 1.5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.5 फीसदी से 7.8 फीसदी ब्याज ऑफर कर रही है। वहीं, गृह फाइनेंस आपको 1 से 10 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.5 फीसदी से 8 फीसदी तक का ब्याज दे रही है।
बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की दरें
सिटी यूनियन बैंक आपको 7 दिन से लेकर 10 साल की अवधि के लिए 6.25 से 7.50 फीसदी ब्याज देता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 7 दिन से 10 साल की अवधि के लिए 5.75 फीसदी से 7.25 फीसदी ब्याज दे रहा है। यस बैंक 1 साल से 10 साल तक की अवधि के लिए 5.75 से 7.60 फीसदी तक ब्याज की पेशकश कर रहा है। आईडीबीआई बैंक भी 15 दिन से लेकर 20 साल तक की अवधि के लिए 5.75 फीसदी से 7.25 तक ब्याज दे रहा है।
बैंक और कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट में फर्क
बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट में जहां जोखिम काफी कम होता है, वहीं ज्यादा ब्याज की पेशकश करने वाले कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट में रिस्क ज्यादा होता है। इसका ये मतलब नहीं कि जोखिम होने की वजह से कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश ही न किया जाए।
कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश ये पहले इन बातों पर करें गौर
बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा ब्याज की पेशकश करने वाले कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट में रिस्क ज्यादा होता है। इनमें निवेश करने से पहले आपको कंपनी की रेटिंग पर जरूर गौर करना चाहिए। रेटिंग आपको यह जानकारी देता है कि कंपनी में किया गया आपका निवेश कितना सुरक्षित है। आम तौर परी जिन कंपनियों की कोई रेटिंग नहीं होती या जिनकी रेटिंग निचले दर्जे की होती है, वे ज्यादा ब्याज की पेशकश करती हैं। अगर, आप बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा ब्याज कमाना चाहते हैं तो कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करें, लेकिन रेटिंग देखकर।