पनामा पेपर्स पर बोले जेटली, 'अवैध धन रखने वालों पर चलेगा मुकदमा'
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पनामा पेपर्स पर बोले जेटली, 'अवैध धन रखने वालों पर चलेगा मुकदमा'

काला धन रखने वालों और पनामा दस्तावेज में सामने आये नामों के मामले में कड़ी कारवाई की चेतावनी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि अवैध ढंग से धन रखने वालों के खिलाफ अभियोजन की कारवाई शुरू की जायेगी।

पनामा पेपर्स पर बोले जेटली, 'अवैध धन रखने वालों पर चलेगा मुकदमा'

नयी दिल्ली: काला धन रखने वालों और पनामा दस्तावेज में सामने आये नामों के मामले में कड़ी कारवाई की चेतावनी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि अवैध ढंग से धन रखने वालों के खिलाफ अभियोजन की कारवाई शुरू की जायेगी।

उन्होंने यहां मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक समारोह के मौके पर कहा, ‘पनामा मामले में जिनका नाम आया है, यदि उनके खाते में गैरकानूनी धन पाया जाता है तो उन पर एचएसबीसी खातों की तरह ही कार्रवाई की जायेगी।’ हाल में सामने आए ‘पनामा दस्तावेज’ में ऐसे सैंकड़ों भारतीयों के नाम हैं जिनकी कर चोरों की पनाहगाह स्थित इकाइयां में खाते हैं। जेटली ने कहा कि सरकार पिछले वित्त वर्ष के दौरान एक कानून लेकर आई है ताकि विदेश में जमा काले धन से निपटा जा सके और अब घरेलू काले धन पर ध्यान दे रही है।

जेटली ने कहा कि इस योजना के तहत जो खुलासा करने में नाकाम रहते हैं उन्हें 10 साल तक सजा होगी। विदेश में जमा काले धन की समस्या से निपटने से जुड़े कानून के जरिए 4,000 करोड़ रुपए की वसूली हो सकती है। अर्थव्यवस्था पर पूछे गए सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि अच्छे मानसून से वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अनुकूल वैश्विक परिदृश्य के बीच भारत आठ-नौ प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज कर सकता है लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी से यह दर प्राप्त करने में मुश्किल होगी।

उन्होंने कहा, ‘इस साल अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही है। इसमें सकारात्मक संकेत हैं .. यदि इस साल मानसून अच्छा रहता है तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।’ जेटली ने कहा, ‘भारत पहली बार दुनिया में सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। हम 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। अन्य देशों के मुकाबले हम ज्यादा तेजी से वृद्धि दर्ज कर रहे हैं लेकिन यह हमारी उम्मीद से अभी भी कम है।’ उन्होंने कहा, ‘यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था से हमारी आर्थिक वृद्धि को मदद मिलती है तो देश की वृद्धि और तेज होगी। तेजी से वृद्धि दर्ज कर रहे विश्व में हम 8-9 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज कर सकते हैं। यदि विश्व की वृद्धि दर धीमी रहती है तो 8-9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करना बड़ी चुनौती है।’ 

घरेलू स्तर पर काले धन के मामले में, चार महीने की अनुपालन व्यवस्था एक जून से खुलेगी। इसके तहत लोग कालेधन की घोषणा कर उसपर कर और जुर्माने सहित कुल 45 प्रतिशत का भुगतान कर पाक साफ हो सकते हैं। जेटली ने कहा कि सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है जिनके करचोरी की पनाहगाह लिंचटेंस्टीन और एचएसबीसी में गैरकानूनी खाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘काराधान अधिकारियों ने उन लोगों का आकलन पूरा कर लिया है और लिंचटेंस्टीन में गैरकानूनी तौर पर धन जमा करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।’ जेटली ने कहा, ‘हमने स्विट्जरलैंड के साथ समझौता किया है और उन लोगों का ब्योरा हासिल किया है जिनके एचएसबीसी में खाते में हैं। हमने उन लोगों के आकलन का काम पूरा कर लिया है जिनके एचएसबीसी, स्विट्जरलैंड में खाते थे। हमने एचएसबीसी में जमा 6,000 करोड़ रपए के काले धन का आकलन किया है। हमने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।’ वृहत्-आर्थिक रझानों के बारे में बात करते हुए जेटली ने कहा कि वैश्विक मांग कम होना समस्या है क्योंकि वैश्विक रझान से घरेलू बाजार का परिदृश्य प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘भारत में शहरी मांग बढ़ रही है। वाहन, सीमेंट की बिक्री बढ़ रही है इसलिए शहरी मांग बढ़ रही है। मुझे लगता है कि वास्तविक चुनौती ग्रामीण मांग बढ़ाना है।’ कराधान से जुड़े मामलों का हवाला देते हुए जेटली ने कहा, ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भारत का आर्थिक एकीकरण होगा। इससे दीर्घकालिक स्तर पर कराधान की दर घटेगी। इससे अर्थव्यवस्था ज्यादा प्रतिस्पर्धी होगी और इससे राजस्व संग्रह भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि इसका सकल घरेलू उत्पाद में भी योगदान होगा।’’

 

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