ट्रक मालिकों की हड़ताल जारी, कुछ क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित
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ट्रक मालिकों की हड़ताल जारी, कुछ क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित

ट्रक मालिकों की सर्वोच्च संस्था एआईएमटीसी की मौजूदा टोल प्रणाली खत्म करने की मांग के समर्थन में हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही और देश के विभिन्न भागों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित रही।

ट्रक मालिकों की हड़ताल जारी, कुछ क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित

नई दिल्ली : ट्रक मालिकों की सर्वोच्च संस्था एआईएमटीसी की मौजूदा टोल प्रणाली खत्म करने की मांग के समर्थन में हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही और देश के विभिन्न भागों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित रही।

दूध, फल-सब्जी और दवा जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को हालांकि, हड़ताल के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन इसका असर तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसी जगहों पर देखा गया।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अध्यक्ष भीम वाधवा ने कहा, ‘हम सरकार द्वारा समस्या का समाधान पेश करने तक अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। हम टोल के खिलाफ नहीं है बल्कि हम इसे सालाना स्वरूप देने की मांग कर रहे हैं।’ 

उन्होंने कहा, ‘सरकार ने जो इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह प्रणाली का वादा किया था वह व्यावहारिक नहीं है।’ वाधवा ने कहा कि कल सुबह छह बजे से शुरू हुई हड़ताल से दो दिन में ट्रक मालिकों को करीब 3,000 करोड़ रूपए जबकि सरकार को 20,000 करोड़ रूपए का नुकसान होगा।

हालांकि सरकार ने अपनी पहल से डिगने से इनकार कर दिया है और कहा है कि टोल संग्रह प्रणाली वापस नहीं ली जा सकती है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कल कहा था, ‘हड़ताल जारी रखना उन पर निर्भर करता है। सरकार टोल प्रणाली खत्म नहीं करेगी। हमने दिसंबर से इलेक्ट्रनिक टोल संग्रह प्रणाली पूरे देश में लागू करने का आश्वासन दिया है। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे हड़ताल वापस लें।’ 

एआइएमटीसी ने दवा किया है कि देश भर में 87 लाख ट्रक और 20 लाख बस एवं टेंपो इसके दायरे में आते हैं। ट्रक मालिकों की एक अन्य संस्था आल इंडिया ट्रांस्पोर्ट वेल्फेयर एसोसिएशन (एटवा) ने हड़ताल से दूर रहने का फैसला किया है।

एआईएमटीसी मौजूदा टोल प्रणाली खत्म करने की मांग कर रही है। संगठन का कहना है कि यह उत्पीड़न का जरिया है और इसकी जगह उसने एकमुश्त कर भुगतान और टीडीएस प्रक्रिया को आसान बनाने की मांग की है। वाधवा ने कहा कि सरकार की ई-टोलिंग परियोजना असफल अवधारणा है और आईसीआईसीआई तथा एक्सिस बैंक जैसे भागीदार बैंकों ने भी इस परियोजना से अपने-आपको दूर कर लिया है।

उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में परिवहन कारोबार पर टीडीएस के प्रावधानों को वित्त अधिनियम 2015 से पूर्व की स्थिति में लाना भी शामिल है और वित्त मंत्री अरण जेटली ने उन्हें आश्वस्त किया है कि इस मुद्दे पर सीबीडीटी अध्यक्ष अनिता कपूर के साथ एक बैठक बुलाई जाएगी।

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