केंद्रीय मंत्रिमंडल ने GST परिषद की प्रक्रिया, गठन और कार्यप्रणाली को दी मंजूरी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने GST परिषद की प्रक्रिया, गठन और कार्यप्रणाली को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज जीएसटी परिषद की प्रक्रिया, गठन और कार्यप्रणाली की मंजूरी दी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई थी कि सरकार जल्दी ही जीएसटी परिषद का गठन करेगी और अप्रत्यक्ष करों के गहन असर को कम करेगी। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने GST परिषद की प्रक्रिया, गठन और कार्यप्रणाली को दी मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज जीएसटी परिषद की प्रक्रिया, गठन और कार्यप्रणाली की मंजूरी दी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई थी कि सरकार जल्दी ही जीएसटी परिषद का गठन करेगी और अप्रत्यक्ष करों के गहन असर को कम करेगी। 

मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद के गठन, कार्यपद्धति और प्रक्रिया शुरू करने को आज मंजूरी दे दी। परिषद इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिये कर की दर तथा अन्य मुद्दों पर फैसला करेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में इस परिषद का गठन 11 नवंबर तक किया जाएगा। परिषद में सभी 29 राज्यों और दो संघशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होंगे।

परिषद नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिये कर की दर, उसमें दी जाने वाली छूट, इसकी सीमा पर फैसला करेगी। इस नई कर प्रणाली के एक अप्रैल 2017 से अमल में आने की उम्मीद है। सरकार ने जीएसटी परिषद के गठन की प्रकिया शुरू करने के लिये 12 सितंबर की तिथि अधिसूचित की है और यह प्रक्रिया 60 दिन के भीतर पूरी की जानी है। 

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जीएसटी परिषद गठन की प्रक्रिया और कामकाज को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने जीएसटी सचिवालय के गठन और अधिकारियों पर भी फैसला किया है जो परिषद के फैसलों को लागू करेंगे। जीएसटी परिषद के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री होंगे और इसमें सदस्य के तौर पर वित्त राज्य मंत्री के अलावा राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। केंद्र का इसमें एक तिहाई मत होगा जबकि राज्यों का इसमें दो-तिहाई दखल होगा। प्रस्ताव स्वीकृत होने के लिए तीन-चौथाई बहुमत जरूरी होगा। जीएसटी परिषद गठन की प्रक्रिया को मंजूरी उस दिन मिली है जिस दिन जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन कानून प्रभाव में आ गया।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिछले सप्ताह विधेयक पर अपनी सहमति प्रदान कर दी थी जिससे जीएसटी परिषद के गठन का रास्ता साफ हुआ। जीएसटी एकल अप्रत्यक्ष कर है जिसमें मूल्यवर्धित कर (वैट), उत्पाद शुल्क, सेवा कर, केंद्रीय बिक्री कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क और विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क जैसे ज्यादातर केंद्रीय तथा राज्यों के कर इसमें समाहित हो जाएंगे।

संसद ने आठ अगस्त को जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पारित कर दिया था जिसके बाद यह राज्यों में अनुमोदन के लिए गया। संविधान संशोधन विधेयक होने की वजह से इस विधेयक को 29 राज्यों और दो संघशासित प्रदेशों में से कम से कम 50 प्रतिशत विधान सभाओं के अनुमोदन की जरूरत थी। विधेयक को 19 राज्यों में अनुमोदन प्राप्त होने के बाद राष्ट्रपति सचिवालय भेजा गया। विधेयक का सबसे पहले अनुमोदन भाजपा शासित असम ने किया।

जिन अन्य राज्यों ने विधेयक को मंजूरी दी उनमें बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, नगालैंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, सिक्किम, मिजोरम, तेलंगाना, गोवा, ओड़िशा और राजस्थान शामिल हैं। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने हाल में कहा था कि जीएसटी क्रियान्वयन के संबंध में सरकार तय समय सीमा से आगे चल रही है।

सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाला सीबीआईटी जीएसटी परिषद द्वारा निर्धारित छूट एवं सीमा समेत विभिन्न नियमों को क्रियान्वित करेगा। जीएसटी परिषद के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री हैं और राज्यों के वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। नया राष्ट्रीय कर मसौदा अगले साल एक अप्रैल से आने के बाद केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड का नाम केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईटी) होगा। केंद्र ने जीएसटी संगठनात्मक ढांचा तैयार किया है, उसमें यह बात कही गयी है।

राजस्व सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि जीएसटी के संगठनात्मक ढांचा पर काम किया जा रहा है और सीबीईसी का नाम बदला जाएगा। इसे प्रभाव में लाने के लिये केंद्र केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के गठन पर काम कर रहा है जिसका मकसद से अधिक व्यापक बनाना है। सीबीआईटी में छह सदस्य होंगे जो सीमा शुल्क, नीति एवं आईटी, केंद्रीय उत्पाद एवं कानूनी मुद्दों, प्रशिक्षण जैसे मुद्दों को देखेगा। इसके अलावा, राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव जीएसटी परिषद के सचिव होंगे और केंद्रीय जीएसटी तथा समन्वित जीएसटी संबंधित मामलों के लिये सीबीआईटी सदस्य होंगे।

राष्ट्रपति ने कहा है कि जीएसटी लागू होने से भारत की 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब उपभोक्ता सभी पहली बार एक साझा बाजार में तब्दील हो जाएंगे। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पिछले महीने संसद से मंजूरी मिलने के बाद 19-20 राज्यों ने इसका अनुमोदन कर दिया। जिसके बाद यह राष्ट्रपति की मंजूरी के योग्य बन गया। राष्ट्रपति ने यहां कर वैश्य बैंक के शताब्दी समारोह के मौके पर कहा, ‘और मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय अब जीएसटी परिषद बनाने के लिए उचित कदम उठाएगा जो कि जीएसटी की दर तय करेगी। क्योंकि अब यह जीएसटी परिषद की जिम्मेदारी होगी कि हमारी अर्थव्यवस्था में वस्तु एवं सेवा कर की एक समान दर हो।’

 

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