भगोड़े माल्या को कर्ज देने को लेकर ब्रिटेन की जज ने भारतीय बैंकों की आलोचना
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भगोड़े माल्या को कर्ज देने को लेकर ब्रिटेन की जज ने भारतीय बैंकों की आलोचना

विजय माल्या भारत में कथित तौर पर 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में वांछित है. 

फाइल फोटो

लंदन: भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण का आदेश देने वाली ब्रिटेन की अदालत की न्यायधीश ने माल्या को कर्ज देने वाले कुछ भारतीय बैंकों को लेकर आश्चर्य जताया है. न्यायधीश ने सोमवार के आदेश में कहा कि इन बैंकों ने कर्ज मंजूरी से पहले बंद हो चुकी तत्कालीन किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख की वित्तीय साख रिपोर्ट तक नहीं देखी. 

लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति एम्मा अर्बुथनोट ने सोमवार को भारत के 62 वर्षीय कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण का आदेश देते हुये कहा कि उसके खिलाफ पहली नजर में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का मामला बनता है जिसका उसे जवाब देना चाहिये. विजय माल्या भारत में कथित तौर पर 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में वांछित है. 

न्यायमूर्ति अर्बुथनोट ने फैसला देते हुये भारतीय बैंकों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने इस बात को लेकर आश्चर्य जताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों ने इस कर्ज देने से पहले शराब कारोबारी की समुचित साख रिपोर्ट तलब नहीं की. न्यायधीश ने कहा कि इस मामले में कुछ सरकारी बैंकों ने कर्ज के लि न तो समुचित गारंटी मांगी और न ही कुछ रिणों को मंजूर करते समय माल्या की साख रपट मंगवाई. वे समय समय पर कर्ज के लिए किंगफिशर एयरलाइंस की ओर से पेश प्रतिवेदनों की उचित जांच भी नहीं की.’’ 

न्यायधीश ने इन बातों को बैंकों की लगातार विफलता बताया. उन्होंने कहा कि इस समय उनके सामने जो तथ्य है उससे अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ऐसा काम काम किसी निहित वित्तीय उद्श्येश्य या साजिश के तहत किया गया. 

(इनपुट भाषा से)

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