...जब छलक पड़े दीपिका पादुकोण की आंखों से आंसू, डिप्रेशन के दिनों को यादकर हुईं भावुक
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...जब छलक पड़े दीपिका पादुकोण की आंखों से आंसू, डिप्रेशन के दिनों को यादकर हुईं भावुक

हिंदी फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक विकारों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआती की। इस मौके पर दीपिका अपने डिप्रेशन के दिनों को यादकर भावुक हो गईं और उनके आंखों से आंसू छलक पड़े। बता दें कि अपनी जिंदगी के मुश्किल दौर में दीपिका डिप्रेशन की शिकार थी।

फोटो सौजन्‍य: एएनआई ट्वीटर

नई दिल्‍ली : हिंदी फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक विकारों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआती की। इस मौके पर दीपिका अपने डिप्रेशन के दिनों को यादकर भावुक हो गईं और उनके आंखों से आंसू छलक पड़े। बता दें कि अपनी जिंदगी के मुश्किल दौर में दीपिका डिप्रेशन की शिकार थी।

अवसाद से अपने व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी साझा करते हुए दीपिका कार्यक्रम के दौरान रो पड़ीं। रुंधे गले से उन्‍होंने अपने वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि दो साल पहले मेरा परिवार मुझे देखने आया था। वे जाने ही वाले थे और मैं अपने बैडरूम में अकेली थी। मेरी मां आई और पूछा सब ठीक है क्‍या। मैंने कहा, हां। उन्‍होंने फिर पूछा काम या किसी और बात से परेशानी तो नहीं। मैंने कहा नहीं। उन्‍होंने मुझसे कई बार पूछा तो मैं भावुक हो गई और मेरी आंखों में आंसू आ गए। गालों पर आंसुओं को पोंछते हुए दीपिका ने कहा कि मैं मां से कहना चाहती थी कि यदि तुम नहीं होती तो मैं यहां नहीं होती। हमेशा मेरा साथ देने के लिए धन्‍यवाद। मेरी बहन, पिता और दोस्‍तों ने को धन्‍यवाद जिन्‍होंने मेरा खूब साथ दिया।

यह अभियान मानसिक स्वास्थ्य विषय पर समाज की मुख्यधारा के बीच बहस शुरू करने और इस बीमारी को लेकर समाज में फैली गलत धारणा को तोड़ने के लिए शुरू किया गया है। इस मौके पर दीपिका ने बताया कि उनके लिए इस स्टिग्मा से बाहर निकलना आसान नहीं था। उन्‍होंने कहा कि कहा कि आपके पास परिवार जैसी संस्था और दोस्त होने चाहिएं, जो आपके लिए हर समय खड़े हों। इससे अवसाद ग्रस्त व्यक्ति को इस विकार से उबरने में मदद मिलती है।

दीपिका पादुकोण ने कहा कि मानसिक बीमारी से जुड़ा सामाजिक कलंक इस बीमारी पर समाज के ध्यान ना देने का मुख्य कारण है और जिस दिन हम साथ मिलकर इससे पार पा लेंगे और जागरूकता फैलाएंगे, उस दिन हमें ‘इस पर जीत मिल जाएगी। 30 साल की अभिनेत्री पूर्व में खुद अवसाद से ग्रस्त रही हैं। दीपिका विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक विकारों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत के मौके पर बात कर रही थीं।

दीपिका ने कहा कि यह समझना जरूरी है कि हम जिस तरह के समाज में रहते हैं, हम बहुत प्रतिस्पर्धी बन गए हैं और इसमें पूरी तरह घुस गए हैं जो कि एक अच्छी बात है लेकिन मैं यह भी सोचती हूं कि हम अपने आसपास के लोगों को लेकर कम संवेदनशील हो गए हैं। किसी को भी ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह समाज का हिस्सा नहीं है।

 

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