‘बॉम्बे वेलवेट में दिखेगी साठ के दशक की झलक'
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‘बॉम्बे वेलवेट में दिखेगी साठ के दशक की झलक'

बॉम्बे का इतिहास क्या है? क्यों पुरानी फिल्मों में बॉम्बे का असली चेहरा नहीं दिखता? इन्हीं कुछ सवालों ने अनुराग कश्यप को ‘बॉम्बे वेलवेट’ बनाने के लिए प्रेरित किया।

‘बॉम्बे वेलवेट में दिखेगी साठ के दशक की झलक'

पणजी: बॉम्बे का इतिहास क्या है? क्यों पुरानी फिल्मों में बॉम्बे का असली चेहरा नहीं दिखता? इन्हीं कुछ सवालों ने अनुराग कश्यप को ‘बॉम्बे वेलवेट’ बनाने के लिए प्रेरित किया।

अनुराग ने कहा कि मैं फिल्म में एक ऐसा पुराना समय दिखाना चाहता था जो इस जगह का इतिहास है। जिसे हम इंटरनेट पर तो पाते है पर पुरानी फिल्मों में इसकी झलक देखने को नहीं मिलती। वर्तमान में जमीन घोटलों की जड़ें तब के बांबे से जुड़ी हैं। सोने-चांदी और सिल्क की तस्करी उन दिनों खुब हुआ करती थीं। ब्रिटिशों का असर लोगों पर कायम था। शराब पर प्रतिबंध लगे होने के कारण उसकी अवैध बिक्री होती थी और शायद ही किसी को पता हो कि मोहम्मद रफी उस समय कोंकणी भाषा के मशहूर जैज गायक थे।

यह ग्लैमर, अपराध, धोखा और दिवानगी की हद तक प्यार करने वाली कहानी है। जिसमें रणबीर कपूर स्ट्रीट फाइटर और अनुष्का शर्मा एक जैज सिंगर का किरदार निभा रही है। वही फिल्मकार करन जौहर एक मुख्य विलन खम्बाटा के किरदार में दिखेंगे।

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