यदि हिन्दी सिनेमा को अगले मुकाम तक ले जाना है तो स्क्रीनराइटर को तवज्जो देना आवश्यक: करन जोहर
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यदि हिन्दी सिनेमा को अगले मुकाम तक ले जाना है तो स्क्रीनराइटर को तवज्जो देना आवश्यक: करन जोहर

फिल्मकार करन जोहर ने 41 वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव (टीआईएफएफ) में कहा है कि यदि हिन्दी सिनेमा को अगले मुकाम तक ले जाना है तो स्क्रीनराइटर को तवज्जो देना जरूरी होगा।

यदि हिन्दी सिनेमा को अगले मुकाम तक ले जाना है तो स्क्रीनराइटर को तवज्जो देना आवश्यक: करन जोहर

टोरंटो: फिल्मकार करन जोहर ने 41 वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव (टीआईएफएफ) में कहा है कि यदि हिन्दी सिनेमा को अगले मुकाम तक ले जाना है तो स्क्रीनराइटर को तवज्जो देना जरूरी होगा।

ग्लेल गोल्ड स्टूडियो में एक बातचीत में उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग नयी विधाएं और रूख अपनाने की कोशिश कर रहा है जो ठीक है लेकिन हम लेखकों को पर्याप्त रूप से सशक्त नहीं कर रहे हैं। लेखक किसी फिल्म की आत्मा होते हैं। निर्देशक हर चीज नहीं होते..उस आत्मा में उन्हें योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए धर्मा प्रोडक्शन ने एक नया लेखन विभाग स्थापित किया है ताकि फिल्मों के लिए मौलिक विषय वस्तु की रचना को प्रोत्साहन दिया जा सके।

जोहर (44) ने कहा कि फिल्म कलाकार अब बादशाह नहीं रहे, बल्कि इसकी जगह विषय वस्तु ने ली है। लेखक फिल्म की रीढ़ की हड्डी हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘कपूर एंड संस’ जैसी फिल्मों की सफलता इस बात का सबूत है कि फिल्म निर्माताओं की तुलना में दर्शक तेजी से विकसित हो रहे हैं। इसमें एक समलैंगिक नायक है। छह अभिनेताओं ने इस भूमिका को निभाने से इनकार कर दिया था।

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