जानिए काला हिरण क्यों है इतना दुर्लभ कि शिकार करके फंस गए सलमान खान!
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जानिए काला हिरण क्यों है इतना दुर्लभ कि शिकार करके फंस गए सलमान खान!

काला हिरण को भारतीय मृग के नाम से भी जाना जाता है.

काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान को गुरुवार को कोर्ट ने दोषी ठहराया है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: काला हिरण (Blackbuck) शिकार मामले में बॉलीवुड के 'दबंग' सलमान खान को गुरुवार को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. काला हिरण का शिकार करने पर सलमान खान के खिलाफ जोधपुर में तीन मामले दर्ज किए गए थे, जबकि एक मामला अवैध हथियार रखने का था. काला हिरण वाले तीनों मामलों में वह दोषी ठहराए जा चुके हैं. वैसे तो किसी भी वन्य जीव का शिकार करने पर प्रतिबंध है, लेकिन सलमान का मामला काला हिरण का होने की वजह से गंभीर हो गया. हम आपको बता रहे हैं कि आखिर काला हिरण इतना खास क्यों है.

  1. भारतीय मृग के नाम से भी जाना जाता है काला हिरण
  2. भारत, पाकिस्तान और नेपाल में पाया जाता है काला हिरण
  3. जनवरी 2003 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में किया गया था संशोधन

भारतीय मृग के नाम से भी जाना जाता है काला हिरण
काला हिरण को भारतीय मृग के नाम से भी जाना जाता है. वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो यह जीनस एन्टीलोप में आता है. जो इस वर्ग की एकमात्र बची हुई प्रजाति है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है. अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की सूची के अनुसार काला हिरण संकट-निकट (Near Threatened या NT) श्रेणी में पहुंच गया है. मतलब हिरण की इस प्रजाति के निकट भविष्य में संकटग्रस्त हो जाने की संभावना है. भारतीय वन संरक्षण अधिनियम, 1972 के अनुसार जीवों को अलग-अलग अनुसूची में रखा गया है, जिनमें से काला हिरण अनुसूची-1 में आता है, जिसमें वन्यजीवन को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के प्रवाधान हैं और इसके तहत अपराधों के लिए उच्चतम दंड (3 से 7 साल तक की जेल) निर्धारित हैं. इसी वजह से सलमान का मामला गंभीर हो गया.

भारत, पाकिस्तान और नेपाल में पाया जाता है काला हिरण
काला हिरण मूलतः भारत, पाकिस्तान और नेपाल में पाया जाता है. इसकी प्रजातियां बांग्लादेश में पाई जाती थीं, लेकिन अब वहां यह विलुप्त हो गया है. भारत में भी इसकी स्थिति ठीक नहीं है और अब यह संरक्षित क्षेत्रों तक ही सीमित हो गया है. वास्तव में 20 वीं शताब्दी में अत्यधिक शिकार से इनकी संख्या में भारी कमी दर्ज की गई. इसका मुख्य कारण वनों की कटाई रही, जिससे ये रहवासी इलाकों की ओर जाने को मजबूर हुए और इनका शिकार आसान हो गया और इनकी संख्या में तेजी से गिरावट आई. बाद में भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 के तहत काले हिरण का शिकार निषिद्ध कर दिया गया.  

जनवरी 2003 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में किया गया था संशोधन
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम को देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने एवं अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के लिए लागू किया था. जनवरी 2003 में अधिनियम में संशोधन किया गया था और सजा तथा अधिनियम के तहत अपराधों के लिए जुर्माना और अधिक कठोर बना दिया गया. विश्व-स्तर पर विभिन्न जातियों की संरक्षण-स्थिति पर निगरानी रखने वाले सर्वोच्च संगठन अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने वन्य जीवों की दुनिया में मौजूदगी को देखते हुए रेड डेटा सूची (Red Data List) निर्धारित की हुई है, जिसे विलुप्त (जो बिल्कुल समाप्त हो गए), संकटग्रस्त (जिन पर लुप्त होने का खतरा है) और कम जोखिम (जो भविष्य में संकटग्रस्त हो सकती हैं) में बांटा गया है. काला हिरण फिलहाल कम जोखिम की संकट-निकट (Near Threatened या NT) कैटेगरी में है.

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