जगजीत सिंह: 'तुम चले जाओगे तो सोचेंगे, हमने क्‍या खोया हमने क्‍या पाया...'
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जगजीत सिंह: 'तुम चले जाओगे तो सोचेंगे, हमने क्‍या खोया हमने क्‍या पाया...'

1965 में जगजीत सिंह ने अपनी पहली एलबम रिलीज की. इसी एलबम के बाजार में आने के 2 साल बाद उनकी मुलाकात चित्रा सिंह से हुई.

जगजीत सिंह पहली एलबम 1965 में आई थी.

नई दिल्‍ली: गजलें अक्‍सर एक विशेष वर्ग द्वारा ही सुनी जाती रही थीं. लेकिन गजलों की दुनिया में एक ऐसा नाम चमका, जिसने गजलों को आम आदमी तक पहुंचा दिया. यह नाम था सिंगर जगजीत सिंह का... आज भी उनकी 'झुकी झुकी सी नजर..', 'कागज की कश्‍ती', 'होश वालों को खबर क्‍या' जैसी गजलें लोगों के दिलों में बसती हैं. आज इसी सितारे का 77वां जन्‍मदिन है. जगमोहन सिंह धीमन का जन्‍म 8 फरवरी को राजस्‍थान के गंगानगर के एक सिख परिवार में हुआ था. यूं तो उनके पिता, जो खुद एक सरकारी अधिकारी थे, अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन जैसे संगीत ने जगजीत सिंह को पहले से ही चुन लिया था.

जगजीत सिंह ने जलंधर के ऑल इंडिया रेडियो स्‍टेशन के लिए लाइव कॉन्‍सर्ट करने से अपने करियर की शुरुआत की थी. बाद में अपने करियर को एक नई ऊंचाई देने के लिए वह मुंबई शिफ्ट हो गए थे. मुंबई में उन्‍होंने हर तरह के काम किए. वरली में चार दोस्‍तों के साथ रहने वाले जगजीत खाना खाने के लिए रोज दादर जाते थे, जहां एक रेस्‍तरां में उन्‍हें मुफ्त खाना दिया जाता था. धीरे-धीरे जगजीत, गजलों की दुनिया का एक जानामाना नाम बन गए.

1965 में जगजीत सिंह ने अपनी पहली एलबम रिलीज की. इसी एलबम के बाजार में आने के 2 साल बाद उनकी मुलाकात चित्रा सिंह से हुई. जब चित्रा उनसे मिली, तो उन्‍होंने जगजीत के साथ जिंगल गाने से मना कर दिया क्‍योंकि उनकी आवाज उन्‍हें काफी भारी लगी. बाद में यही जोड़ी 'गजल कपल' बन गई. 1969 में इन दोनों ने शादी कर ली.

आप भी सुनें जगजीत सिंह की रूहानी अवाज में उनकी गजलें.

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