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नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर एक बार फिर से टि्वटर पर ट्रोल हुई हैं. कुछ दिन पहले फेयरनेस क्रीम बहस पर अभय देओल को जवाब देते हए सोनम टि्वटर पर ट्रोल हुई थीं. फेयरनेस क्रीम बहस मामले में अपनी गलती का अहसास होने पर सोनम ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था. इस बार सोनम को राष्ट्रगान को लेकर ट्रोल किया जा रहा है.
दरअसल, हाल ही में सोनम ने एक इंटरव्यू दिया था. ये इंटरव्यू ऑनलाइन जागरुकता को लेकर था. इस इंटरव्यू में सोनम ने कहा था, ' मैं अपने देश से प्यार करती हूं मगर आपमें से कुछ लोगों की तरह मैं कट्टर नहीं हूं. मैं इसलिए एंटी नेशनल बन जाती हूं क्योंकि मैं सवाल पूछती हूं या फिर आलोचना चुनती हूं. राष्ट्रगान सुने, उस लाइन को याद करें जो आपने बचपन में सुना था, हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई.'
इंटरव्यू का ये हिस्सा ट्रोल हो रहा है. इसी बात पर लोगों ने सोनम को निशाने पर ले लिया, लोगों ने सोनम का पूरा इंटरव्यू भी नहीं पढ़ा और उस छोटे से हिस्से को लेकर उन्हें ट्रोल करने लगे, कि सोनम को राष्ट्रगान भी नहीं आता.
लोगों ने उनके आर्टिकल के साथ पूरा राष्ट्रगान लिख दिया, और उन्हें बताने के लगे कि राष्ट्रगान में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई शब्द तो आते ही नहीं हैं. अपने ट्वीट को लेकर विवादों में रहने वाले कमाल आर खान ने भी सोनम कपूर को ट्रोल करते हुए एक ट्वीट कर दिया.
Now what happened? How did Sonam Kapoor defeat Alia Bhatt? Why is Sonam Kapoor trending instead of Alia? It's ok! Both are same by their GK.
— KRK (@kamaalrkhan) April 21, 2017
ट्रोलर्स ने सोनम को इस कदर ट्रोल किया कि सोनम कपूर ने ट्वीट कर कहा, ''मेरे लेख पर ऐसी कमाल की प्रतिक्रिया देने के लिए शुक्रिया टि्वटर और ट्रोलर्स, जिन्होंने ऐसी प्रतिक्रियाएं देकर मेरा प्वॉइंट सही साबित किया है.''
Thank you so much twitter for the amazing response to my article and also to the #trolls who proved my point by the way they responded
— Sonam Kapoor (@sonamakapoor) April 21, 2017
बता दें कि इससे पहले आलिया भट्ट को भी उनके सामान्य ज्ञान को लेकर लंबे वक्त तक ट्रोल किया जाता रहा है. ऐसे में सोनम कपूर ट्रोलर्स को लेकर अकेली नहीं हैं.
सोनम कपूर के इंटरव्यू के कुछ अंश
सोनम ने अपने इस इंटरव्यू में कहा कि, मुझे चाहे 'बिंबो' कहें या नाचने वाली, लेकिन ये बात सच है मैं एक बहुत आत्मनिर्भर महिला हूं. मुझे अपनी अच्छी समझ है और आपको मुझे ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि मैं कौन हूं. अगर मेरे पास आत्मसम्मान नहीं होता तो मेरे अंदर हिम्मत नहीं होती वो करने की जो मैं करती हूं, वो पहनने की जो मैं पहनती हूं और वो कहने की जो मैं कहती हूं. हमें अपने काम पर ध्यान देना चाहिए और उसी के लिए खुश होना चाहिए.
ट्रोल्स सेक्सिस्ट और आलोचनात्मक हो सकते हैं. लेकिन मुझे पता है कि मैं स्मार्ट हूं और राय व्यक्त करने में सक्षम हूं. मैं एक सफल महिला हूं, एक नारीवादी, एक ह्यूमनिस्ट, एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हूं और मैं ये गर्व और संतोष की एक महान भावना के साथ कहती हूं. मुझे हर एक दिन एक परी कथा की तरह जीवन जीने के लिए मिलता है.
मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रैंप वॉक करती हूं. मैं पढ़ने की बड़ी शौकीन हूं और मेरे पास एक लाइब्रेरी भी है. मैं समाचार भी पढ़ती हूं, एक व्यस्त भारतीय हूं और किसी भी मुद्दे पर किसी से भी चर्चा करने में बहुत सक्षम हूं. सिर्फ इसलिए कि मैं एक अभिनेत्री हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मेरे पास राय नहीं हो सकती.
मैंने अक्सर अपने विचार रखे हैं. मैंने तब बात की जब संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के सेट को तोड़ दिया गया. मैंने मांस पर रोक लगाने के खिलाफ बात की है. मैंने अपने सहयोगियों का पक्ष लिया है. जब सोनाक्षी सिन्हा को मोटा होने के लिए शर्मिंदा किया गया या एक अद्भुत प्रतिभाशाली अभिनेत्री अनुष्का शर्मा पर उंगली उठाई गई. क्योंकि लोगों को लगता है कि उन्हें हमारे आकार या हमारे प्रेमी के बारे में टिप्पणी करने का अधिकार है.
लोग सोचते हैं कि हमारे पास दिमाग नहीं है क्योंकि हम तैयार होते हैं और सुंदर दिखते हैं. शुक्र है मैं अपने लुक्स के साथ अपने दिमाग से भी खुश हूं. मैंने बचपन में कथक सीखा है और मुझे डांस करना पसंद है. मैं भारतीय इतिहास की एक छात्रा हूं और भारत जो है उस पर गर्व करके बड़ी हुई हूं.
उन खूबसूरत फिल्मों के बारे में सोचें जो स्वतंत्रता के बाद बनाई गई, जब जश्न का भाव था. उस समय लोग सवाल से डरा नहीं करते थे. उस समय लोगों को विचार रखने का डर नहीं था क्योंकि हम ऐसे राष्ट्र नहीं थे, जहां आपको राजनीतिक रूप से सही होना पड़े. अब जब हम सरकार की आलोचना करते हैं, तो आप हम पर झपटते हैं. मैं सरकार की आलोचना क्यों नहीं कर सकती? क्या ये लोकतंत्र नहीं है?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैंने नरेंद्र मोदी के लिए वोट दिया या नहीं. किसी भी तरह से हमारे पास सवाल पूछने का अधिकार है. मुझे भारतीय होने पर गर्व है. मैं अपने देश से प्यार करती हूं लेकिन केवल कुछ ही लोगों के लिए ऐसा है और वो लोग बेहद बड़े हैं दिल से, न कि मैं. मैं 'राष्ट्र विरोधी' बन जाती हूं क्योंकि मैं सवाल पूछती हूं या गंभीरता को चुनना चाहती हूं.
राष्ट्रीय गान को एक और बार सुनें. याद करो वो लाइन जो बचपन में सुनी थी. 'हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई...' मैं हिंदू हूं लेकिन मेरे सबसे अच्छे दोस्त मुस्लिम हैं और मैं उन्हें ये नहीं बता रही हूं कि हिंदू होना उनसे कुछ बेहतर है. न ही वो मुझे ऐसा कोई ज्ञान दे रहे हैं. मैं एक शाकाहारी हूं. मैं अंडे भी नहीं खाती, लेकिन मुझे कोई समस्या नहीं है कि कोई और क्या खाता है. आप किसी और के लिए कैसे चुन सकते हैं?
आप किसी की चुनाव की स्वतंत्रता कैसे छीन सकते हैं? सच्चाई यह है कि लोग हमें आदर्श बनाते हैं. मेरे ट्विटर पर 10 मिलियन फॉलोयर हैं और भले ही उनमें से 10% ट्रोल करने वाले हैं. लेकिन अभी भी नौ मिलियन लोग हैं जिन्हें मैं जवाबदेह महसूस करती हूं. मैं उन्हें एक राय देने के लिए हूं, वो मेरे दिमाग में झांकना चाहते हैं. यही कारण है कि मैं बोलती हूं.