‘क्वीन’, ‘पीकू’ और ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ जैसी महिला केन्द्रित फिल्मों की सफलता के बाद अभिनेत्री राधिका आप्टे का कहना है कि यह उपयुक्त समय है कि महिला कलाकारों को उनके पुरष समकक्षों के बराबर रकम मिले।
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नई दिल्ली : ‘क्वीन’, ‘पीकू’ और ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ जैसी महिला केन्द्रित फिल्मों की सफलता के बाद अभिनेत्री राधिका आप्टे का कहना है कि यह उपयुक्त समय है कि महिला कलाकारों को उनके पुरष समकक्षों के बराबर रकम मिले।
‘बदलापुर’, ‘हंटर’ एवं ‘अहिल्या’ जैसी फिल्मों में अभिनय करने वाली राधिका ने बताया, ‘महिला कलाकारों को उनके पुरष समकक्षों से कम पैसा दिया जाता है। यह न केवल हमारे फिल्म उद्योग में है, बल्कि सर्वत्र है। लेकिन ऐसा भेदभाव करने के लिए कोई कारण नहीं है। मुझे पता है कि इस उद्योग में अब तक अधिकतर फिल्में पुरुषों के कारण चली हैं और ऐसी अभिनेत्रियां भी काफी कम थीं, जिनके नाम पर फिल्में चली हों।’
उन्होंने कहा, ‘अब आपके पास महिला केन्द्रित फिल्में हैं, जो 100 करोड़ की कमाई कर रही हैं। मेरा मानना है कि अब यह बात बदलनी शुरू हो जाएगी। उन्हें बदलाव लाना चाहिए। क्योंकि महिला-केन्द्रित फिल्में कमाई कर रही हैं, इसलिए महिला कलाकारों को बेहतर रकम दी जानी चाहिए।’ 29 वर्षीया राधिका का कहना है कि यह असमानता न केवल प्रमुख अभिनेता-अभिनेत्रियों के बीच है, बल्कि पुरुष एवं महिला कलाकारों के बीच भी है।
उन्होंने कहा, ‘लिंग पर आधारित यह असमानता चरित्र अभिनय के मामले में भी है। यदि एक पुरुष और एक महिला अभिनेता है तथा दोनों किसी फिल्म में छोटी भूमिका अदा कर रहे हैं, तो इस स्थित में भी पुरुष अभिनेता को महिला अभिनेता के मुकाबले अधिक पैसा दिया जाता है। मेरी समझ में नहीं आता कि ऐसा क्यों होता है। यह ठीक नहीं है। यह निराश करने वाला है।’