प्रदूषित इलाकों में भी घट सकता है हार्ट अटैक का खतरा, बस करना होगा ये काम
Advertisement

प्रदूषित इलाकों में भी घट सकता है हार्ट अटैक का खतरा, बस करना होगा ये काम

रोजाना व्यायाम करने वाले लोगों में यातायात से होने वाले प्रदूषण के मध्यम से लेकर उच्च स्तर वाले इलाकों में रहने के बावजूद दिल के दौरे का खतरा कम हो सकता है. 

व्यायाम से हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है.(फाइल फोटो)

लंदन: रोजाना व्यायाम करने वाले लोगों में यातायात से होने वाले प्रदूषण के मध्यम से लेकर उच्च स्तर वाले इलाकों में रहने के बावजूद दिल के दौरे का खतरा कम हो सकता है. एक नये अध्ययन में यह बात पता चली है. डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय की शोध छात्रा नाडिन कुबेश ने कहा , ‘‘ जहां यह बात पता है कि व्यायाम से हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है , प्रदूषण से दिल के दौरे , दमा और फेफड़े की पुरानी बीमारियों सहित हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ सकता है. ’’

‘ जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ’ में प्रकाशित हुए अध्ययन में मुख्य भूमिका निभाने वाली कुबेश ने कहा , ‘‘ इस समय इस संबंध में बहुत कम आंकड़े मौजूद हैं जिनसे पता चले कि क्या दिल के दौरे को रोकने में शारीरिक गतिविधि के लाभ खराब वायु गुणवत्ता से प्रभावित होते हैं. ’’ डेनमार्क , जर्मनी और स्पेन के शोधकर्ताओं ने 50 से 65 साल की उम्र के 51,868 वयस्कों में खेलकूद , साइकिलिंग , टहलने आदि और प्रदूषण के संपर्क के बीच संबंधों का निरीक्षण किया. अध्ययन में पता चला कि प्रदूषण के ऊंचे स्तर का दिल के दौरे से संबंध है लेकिन यह खतरा व्यायाम करने वाले लोगों में कम था. 

दिल की बीमारी से भारत में सबसे ज़्यादा मौतें, 1 लाख की आबादी पर 272 को हृदय रोग
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के हृदय-रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर ऋषि सेठी ने हार्ट अटैक पर देश की पहली मार्गदर्शिका जारी की है. इसमें उन्होंने खुलासा किया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा हृदय रोगी भारत में हैं. इसके अलावा देश में सर्वाधिक मौतें भी इस रोग के कारण होती हैं. इसके बचाव के लिए उन्होंने तम्बाकू नियंत्रण एवं व्यायाम को बढ़ावा देने की बात कही है.

fallback

प्रो. ऋषि सेठी ने बताया कि भारत में होने वाली 25 प्रतिशत मृत्यु का जिम्मेदार है हृदय रोग. दुनिया में हर 1 लाख जनसंख्या पर 235 लोगों को हृदय रोग होते हैं पर भारत में 272 को यह बीमारी होती है. इसीलिए हृदय रोग से बचाव और उपचार के लिए, हमारे देश के लिए प्रासंगिक मार्गदर्शिका हो. भारत के अनेक अस्पतालों में औसतन उम्र जिस पर रोगी हृदय रोग के साथ इलाज के लिए आता है.

उन्होंने बताया कि जितने लोगों की मृत्यु हृदय संबंधी रोग के कारण भारत में होती है, उतनी मृत्यु दर किसी भी और रोग का नहीं है. इसके बावजूद, हृदय रोग का खतरा कम करने के लिए वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कार्यक्रम हम लोग लागू कर पा रहे हैं. उदहारण के तौर पर, तंबाकू नियंत्रण प्रभावकारी ढंग से जमीनी स्तर पर लागू हो, हमारी जीवनशैली में शारीरिक व्यायाम पर्याप्त होना चाहिए.

प्रो ऋषि सेठी ने बताया कि यह किताब हार्ट रोगियों के लिए काफी कारगर साबित होगी. इसमें वह कैसे लंबे समय तक स्वस्थ रहें, इस पर विस्तार से चर्चा की गई है. उन्हें इलाज के बारे में भी तथ्य सहित बताया गया है. हार्ट के इलाज में भी काफी आर्थिक असमानताएं है. उन्होंने कहा कि खुद रोगी को तंबाकू शराब से दूर रहकर 30 मिनट टहलना ही सबसे बड़ा इलाज है.

इनपुट भाषा से भी  

Trending news