भारत में पाए जाते हैं सबसे अधिक मल्टी-ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी के मामले
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भारत में पाए जाते हैं सबसे अधिक मल्टी-ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी के मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में भारत में मल्टी-ड्रग रेज़िस्टेन्ट टीबी (एमडीआर-टीबी) के 24 प्रतिशत मामले हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में भारत में मल्टी-ड्रग रेज़िस्टेन्ट टीबी (एमडीआर-टीबी) के 24 प्रतिशत मामले हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं. इसके बाद चीन में 13 प्रतिशत और रूस में 10 फीसदी इस तरह के मामले हैं. इन तीन देशों में विश्व के एमडीआर-टीबी के करीब आधे मामले हैं. संगठन ने कहा कि वैश्विक प्रयासों से वर्ष 2000 के बाद से टीबी से अनुमानित 5.4 करोड़ लोगों की जान बची है, लेकिन यह बीमारी दुनिया में सबसे संक्रामक बनी हुई है.

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टीबी के मामलों की 30 देशों की लिस्ट में भारत शीर्ष पर
भारत उन 30 देशों में शीर्ष पर है, जहां टीबी के मामले ज्यादा हैं. पिछले साल टीबी से ग्रस्त एक करोड़ लोगों में से 27 प्रतिशत भारत के थे. रिपोर्ट के मुताबिक, टीबी होने की जानकारी न देना या टीबी की सही जांच न हो पाना एक बड़ी चुनौती है. 2017 में टीबी से बीमार होने वाले एक करोड़ लोगों में से केवल 64 लाख लोगों के टीबी से बीमार होने के आधिकारिक आंकड़े दर्ज हुए. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, इंडोनेशिया और नाइजीरिया सूची में शीर्ष पर हैं.

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बीते साल दुनियाभर में टीबी के एक करोड़ मामले सामने आए थे 
पिछले साल अनुमानित तौर पर दुनियाभर में एक करोड़ लोग टीबी के कारण बीमार पड़े थे और इनमें से दो तिहाई मामले आठ देशों- भारत (27 प्रतिशत), चीन (9 प्रतिशत), इंडोनेशिया (8 प्रतिशत), फिलीपीन (6 प्रतिशत), पाकिस्तान (5 प्रतिशत), नाइजीरिया (4 प्रतिशत), बांग्लादेश (4 प्रतिशत) और दक्षिण अफ्रीका (3 प्रतिशत) से थे. रिपोर्ट के मुताबिक, टीबी के छह फीसदी मामले यूरोपीय क्षेत्र और अमेरिका से तीन फीसदी मामले थे.

(इनपुट भाषा से)

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