होम्योपैथ ने तैयार की निपाह वायरस की दवा! मरीजों को ठीक करने का दावा
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होम्योपैथ ने तैयार की निपाह वायरस की दवा! मरीजों को ठीक करने का दावा

केरल में फैले निपाह वायरस से अब तुक 16 मौत हो चुकी हैं. बताया जा रहा है कि 31 नए मरीज भी इस वायरस से पीड़ित मिले हैं.

होम्योपैथ ने तैयार की निपाह वायरस की दवा! मरीजों को ठीक करने का दावा

नई दिल्ली/कोझिकोड(केरल): केरल में फैले निपाह वायरस से अब तुक 16 मौत हो चुकी हैं. बताया जा रहा है कि 18 नए मरीज भी इस वायरस से पीड़ित मिले हैं. तकरीबन एक महीने से केरल में मौत का आतंक फैलाने वाले निपाह वायरस की कोई ठोस दवा नहीं है. यहां तक की मेडिकल साइंस भी अभी तक इसकी दवा बनाने में कामयाब नहीं हुई है. लेकिन, इस बीच होमियोपैथ संगठन का दावा है कि उसने यह दवा तैयार कर ली है. दरअसल, इंडियन होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन की केरल इकाई का दावा है कि उन्होंने निपाह वायरस के इलाज के लिए दवा तैयार कर ली है. 

मरीजों का इलाज करने की मांगी इजाजत
संगठन के अधिकारी बी. उन्नीकृष्णन ने कहा कि होमियोपैथ में सभी तरह के बुखार के लिए उचित दवा है और उन्हें संक्रमित मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी जानी चाहिए. एसोसिएशन ने राज्य स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा से अनुरोध किया है कि उनके पेशेवरों को उन सभी मरीजों की जांच करने की इजाजत दी जाए, जो निपाह वायरस की जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं, स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन ने इस बात से इनकार कर दिया कि ऐसी कोई दवा की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है.

संगठन का स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं
राजीव सदानंदन के मुताबिक, "होमियोपैथ विभाग सीधे मेरे अधीन काम करता है और अब तक किसी ने मुझसे या विभाग से संपर्क नहीं किया है. हमें इसमें कोई समस्या नहीं है." अगर संपर्क किया जाता है तो बात करेंगे. सदानंदन ने कहा कि 18 पॉजिटिव मामलों में से चार संक्रमित थे. हालांकि, उनका सीधे तौर से मरीजों से कभी कोई संपर्क नहीं रहा.

'सोशल मीडिया पर फैली झूठी खबरें'
सचिव के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारियों के समयपूर्ण हस्तक्षेप की वजह से इस संक्रमण को फैलने से रोका गया लेकिन एक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि सोशल मीडिया पर झूठी खबरें प्रसारित की गई. इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. स्थिति नियंत्रण में हैं. गौरतलब है कि अब तक निपाह से 16 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दो की हालत में सुधार हो रहा है. संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लगभग 2,000 लोगों को निगरानी में रखा जा रहा है.

(इनपुट: आईएएनएस)

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