5 राज्यों के चुनाव नतीजों के बीच आपकी सेहत से जुड़ी बड़ी खबर
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5 राज्यों के चुनाव नतीजों के बीच आपकी सेहत से जुड़ी बड़ी खबर

पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव की जारी मतगणना के बीच आपकी सेहत से जुड़ी एक अहम खबर आई है. इन दिनों प्रदूषण का बढ़ता स्तर आपकी सेहत को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है.

5 राज्यों के चुनाव नतीजों के बीच आपकी सेहत से जुड़ी बड़ी खबर

नई दिल्ली : पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव की जारी मतगणना के बीच आपकी सेहत से जुड़ी एक अहम खबर आई है. इन दिनों प्रदूषण का बढ़ता स्तर आपकी सेहत को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है. लेकिन इस बार प्रदूषण को लेकर जो खुलासा हुआ है वह चौंकाने वाला है. एक शोध के आधार पर वैज्ञानिकों ने बताया कि वातावरण में बढ़ता प्रदूषण का स्तर न सिर्फ हमें बीमार बना रहा है बल्कि बेवकूफ भी बना रहा है. शोध के आधार पर बताया गया कि बढ़ता वायु प्रदूषण हमारे दिमाग की धार को कुंद कर रहा है.

ग्रीन हाउस गैसों से बढ़ रही थकान
शोधा में पाया गया कि ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती मात्रा के कारण लोगों को थकान हो रही है. दुनियाभर में दफ्तर या अन्य कार्यस्थलों पर कर्मियों की थकान को कार्बन डाई ऑक्साइड (Co2) की बढ़ती मात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन दफ्तरों में स्वच्छ हवा के आने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती, वहां कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर बहुत ज्यादा होता है. इसकी वजह से कर्मी थकान और कम ऊर्जावान महसूस करते हैं.

सदी के अंत तक पूरी दुनिया चपेट में होगी
हालांकि ऐसा नहीं है कि बढ़ती कार्बन डाई ऑक्साइड का प्रभाव महज कर्मियों तक ही सीमित है बल्कि वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि सदी के अंत तक पूरी दुनिया ही इसकी चपेट में होगी. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने शोध के माध्यम से ग्रीनहाउस गैसों के दुष्प्रभाव के प्रति चेताया है. जीवाश्म ईंधन के जलाने से कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है. तेल, कोयला और प्राकृतिक गैसों के जलने से वातावरण में कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है, जिससे जलवायु परिवर्तन की समस्या पैदा होती है.

एक शोध पत्र में लिखा गया है, सीओ2 के बढ़ते स्तर की वजह से इंसानों में संज्ञानात्मक प्रदर्शन गिर रहा है.' इसकी वजह से लोगों की याददाश्त और ध्यान लगाने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है. यही नहीं लोगों में सही ढंग से फैसला लेने की क्षमता भी घट रही है. लोग ढंग से सो नहीं पा रहे हैं. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह भी चेताया है कि वर्ष 2100 तक हवा में कार्बन की मात्रा चार से पांच गुना तक बढ़ सकती है. हालांकि यह शोध अभी शुरुआती स्तर पर है. शोध में यह भी पाया गया कि वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के पीछे प्रमुख कारण जीवाश्म ईंधन का जलाना है.

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