अगर आप शराब पीने की आदत से हैं दुखी तो मत होइए परेशान, आजमाएं ये तरीका
Advertisement

अगर आप शराब पीने की आदत से हैं दुखी तो मत होइए परेशान, आजमाएं ये तरीका

शराब पीने के कारण बढ़ती मृत्यु दर और सामाजिक नुकसान को दर्शाता रहा है. 

.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

लंदन: एक नये शोध के मुताबिक, वैज्ञानिकों का कहना है कि परेशानी में होने पर वयस्कों में शराब पीने की समस्या व उसके दुरुपयोग को इंटरनेट आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित व कम किया जा सकता है, जो अक्सर आमने-सामने के परामर्श से अधिक सुलभ और स्वीकार्य होते हैं. ‘पीएलओएस मेडिसिन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुतााबिक, वयस्कों में ‘समस्या में घिरे होने पर शराब पीने की आदत से निपटने के लिए इंटरनेट आधारित हस्तक्षेप’ शराब पीने संबंधी व्यवहार को बदलने और आवश्यकता पड़ने पर अधिक गहन उपचार की दिशा में पहले कदम के रूप में कार्य कर सकता है.

वैश्विक आकलन लगातार शराब पीने के कारण बढ़ती रुग्णता, मृत्यु दर और सामाजिक नुकसान को दर्शाता रहा है . आमने-सामने की संक्षिप्त बातचीत या सीधा हस्तक्षेप प्रभावी होता हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल कम ही होता है. इंटरनेट-आधारित हस्तक्षेप इस उपचार के दूरी को दूर कर सकता है क्योंकि वे अधिक सुलभ और मापनीय हैं, और वे समस्या से परेशान होकर शराब पीने वालों के लिए अधिक स्वीकार्य हैं.नीदरलैंड में वी. यू. यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है.

वैज्ञानिकों ने खोजी अनोखी दवा, शराब की लत और अवसाद में मिल सकती है मदद
वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने एक ऐसी अनोखी दवा विकसित की है, जिससे अल्कोहल पीने की मात्रा में कमी लाकर शराब की लत छुड़ाई जा सकती है और अवसाद में भी कमी लाई जा सकती है. अध्ययन के मुताबिक, 2000 के दशक में शराब की लत में काफी बढ़ोतरी हुई. एक अध्ययन में हर आठ व्यक्ति में एक में शराब की लत पाई गई. वैज्ञानिकों ने कहा कि अवसाद से दुनिया में 14 करोड़ लोग प्रभावित हैं और वे शराब के इस्तेमाल से पैदा हुए रोगों से जूझ रहे हैं. हालांकि, कुछ ही दवाओं को ऐसे रोगों के इलाज के लिए मंजूरी मिली है.

इन दवाओं का उद्देश्य शराब पीने की इच्छा में कमी लाना है. लेकिन ये मनोवैज्ञानिक रोगों का इलाज नहीं करते हैं. अध्ययन में जी प्रोटीन युक्त ‘रिसेप्टर’ पर जोर दिया गया है. इसे डेल्टा ओपिऑयड रिसेप्टर भी कहा जाता है. यह ऐसी अनोखी दवा है, जिससे शराब पीने की इच्छा में कमी लाई जा सकती है. परड्यू यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर रिचर्ड वैन रिज्न ने कहा, ‘‘हम असर पैदा करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे ‘साइट इफेक्ट’ से भी बचा जा सकता है.’’ 

इनपुट भाषा से भी 

Trending news