ZEE जानकारी: ग्लोबल रैंकिंग में खुलासा, इन चार महानगरों में रहने वाले सबसे ज्यादा तनाव में
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ZEE जानकारी: ग्लोबल रैंकिंग में खुलासा, इन चार महानगरों में रहने वाले सबसे ज्यादा तनाव में

इस रिपोर्ट में दुनिया के 150 शहरों का ज़िक्र किया गया है. इसके मुताबिक, जिस शहर की Rank सबसे अच्छी होगी..वहां तनाव सबसे कम होगा...और जिसकी Rank ख़राब होगी...वो शहर परेशान होगा.

ZEE जानकारी: ग्लोबल रैंकिंग में खुलासा, इन चार महानगरों में रहने वाले सबसे ज्यादा तनाव में

सीने में जलन...आंखों में तूफान सा क्यों है....इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है ? वैसे तो ये बोल...वर्ष 1978 में आई फिल्म Gaman के एक गीत के हैं. लेकिन, 39 वर्ष बीत जाने के बावजूद...आज भी भारत के लिए इन शब्दों के मायने बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे उस ज़माने में हुआ करते थे. अगर आप दिल्ली...मुंबई...कोलकाता...या बैंगलुरु में रहते हैं....तो आपके सीने में जलन भी होगी... और आपकी आंखों में तूफान भी होगा. इन चारों महानगरों में रहने वाले लोग 'परेशान' हैं. ये हम नहीं कह रहे. बल्कि ये बात एक अंतर्राष्ट्रीय Ranking System के ज़रिए सामने आई है. 

इस रिपोर्ट में दुनिया के 150 शहरों का ज़िक्र किया गया है. इसके मुताबिक, जिस शहर की Rank सबसे अच्छी होगी..वहां तनाव सबसे कम होगा...और जिसकी Rank ख़राब होगी...वो शहर परेशान होगा. चिंता की बात ये है, कि 150 शहरों की इस List में भारत के 4 बड़े शहर बहुत ख़राब स्थिति में हैं. इस लिस्ट में बैंगलुरु 130वें नंबर पर....कोलकाता 131वें...मुंबई 138वें और देश की राजधानी दिल्ली 142वें नंबर पर है. यानी अगर आप इन चारों शहरों में रहते हैं...तो इस Ranking को जानने के बाद आपकी परेशानी भी बढ़नी तय है.

दुनिया के सबसे कम तनाव वाले शहरों में जर्मनी के 4 शहर Top Ten में शामिल हैं.  इन सभी शहरों की Ranking तय करने के लिए 17 अलग-अलग वजहों का विश्लेषण किया गया.

इनमें 4 बड़ी कसौटियां थीं...  
1) किसी क्षेत्र में इंसान की आबादी का घनत्व... 

2) वायु प्रदूषण....

3) सामाजिक सुरक्षा 

4) Gender Equality...

इन Parameters में...1 Point मिलने का मतलब है...सबसे कम तनाव...और 10 Point मिलने का मतलब है...सबसे ज़्यादा परेशानी और तनाव.

भारत के चारों महानगर इन सभी पैमानों पर Fail हो गए. चारों पैमानों पर भारत के महानगरों को 8 से ज़्यादा नंबर मिले.. और यहां ज़्यादा नंबर का मतलब है.. ज़्यादा तनाव और ज़्यादा दुख.
आम तौर पर हमारे देश में ज़्यादा नंबर लाना गर्व का विषय माना जाता है. लेकिन तनाव के इस टेस्ट में पास होने के लिए कम नंबर लाने थे. और भारत के शहर ऐसा नहीं कर पाए. दुख की बात ये है कि हमारे पास आज भी एक ऐसा World Class शहर नहीं है.. जो वहां रहने वालों को एक तनावमुक्त जीवन दे सके. असलियत में हमारे देश के लोग बहुत अच्छे हैं.. 
वो ऐसे तनावपूर्ण माहौल में रहते हुए भी मुस्कुरा लेते हैं.. और खुश रहने की कोशिश करते हैं. 

तनाव एक ऐसा विषय है...जो आपको ना सिर्फ मानसिक रुप से परेशान करता है....बल्कि आपकी सेहत पर भी उसका बुरा प्रभाव पड़ता है. हालांकि, DNA में हमारी कोशिश रहती है...कि आपके जीवन में हमेशा सकारात्मक उर्जा भरी जा सके. और इसीलिए हम समय-समय पर आपको Motivational Videos दिखाते रहते हैं. आज भी हम ऐसा ही करेंगे. और इसके लिए हम ऑस्ट्रेलिया के Motivational Speaker...Nicholas James की मदद लेंगे.

34 वर्ष के Nicholas James....Tetra-Amelia नामक एक ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं...जिसकी वजह से बचपन से ही ना तो उनके हाथ हैं और ना ही पैर हैं. आम तौर पर इस बीमारी से पीड़ित बच्चे पैदा होने के साथ ही मर जाते हैं...या फिर जन्म के कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो जाती है. लेकिन Nicholas ...दुनिया के उन चुनिन्दा 7 लोगों में से एक हैं...जो इतनी गंभीर बीमारी के बावजूद... बच गये. अब वो अपना जीवन.. पूरे उत्साह के साथ जी रहे हैं और दुनिया में 'सकारात्मक सोच' फैलाने का काम कर रहे हैं. Nicholas...अक्सर ये कहते हैं...कि 'अपने हाथों की लकीरों को क्या देखते हो दोस्तों, तकदीर उनकी भी होती है...जिनके हाथ नहीं होते'

हमें लगता है...कि Nicholas James की सोच ना सिर्फ आपके जीवन की हर परेशानी का अंत कर सकती है....बल्कि आपको जीने का एक नया नज़रिया भी दे सकती है.

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