नेपाल ने 5 घंटे तक हिरासत में लिए गए एसएसबी के 13 कर्मियों को रिहा किया
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नेपाल ने 5 घंटे तक हिरासत में लिए गए एसएसबी के 13 कर्मियों को रिहा किया

नेपाल ने तकरीबन पांच घंटे के लिए भारत के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 13 कर्मियों को हिरासत में ले लिया जो बिहार की सीमा से लगते झापा जिले के नजदीक संदिग्ध तस्करों का पीछा करते हुए ‘गलती से’ नेपाली क्षेत्र में घुस गए थे। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच सीमा पर इस तरह की दूसरी घटना है।

नेपाल ने 5 घंटे तक हिरासत में लिए गए एसएसबी के 13 कर्मियों को रिहा किया

नई दिल्ली : नेपाल ने तकरीबन पांच घंटे के लिए भारत के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 13 कर्मियों को हिरासत में ले लिया जो बिहार की सीमा से लगते झापा जिले के नजदीक संदिग्ध तस्करों का पीछा करते हुए ‘गलती से’ नेपाली क्षेत्र में घुस गए थे। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच सीमा पर इस तरह की दूसरी घटना है।

यह घटना सुबह तकरीबन साढ़े छह बजे हुई जब एसएसबी के एक गश्ती दल ने अंबारी-केसना सीमा चौकी पर कुछ संदिग्ध गतिविधि देखी और संदिग्ध डीजल तस्करों का पीछा करना शुरू कर दिया। नेपाल पुलिस के सूत्रों के अनुसार बिहार के किशनगंज की सीमा से लगते झापा जिले के केचना गांव में बॉर्डर एकाउंट पोस्ट पर तैनात नेपाल के आर्म्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) के कर्मियों ने शनिवार सुबह करीब साढ़े छह बजे एसएसबी के जवानों को गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने बताया कि एसएसबी के चार जवानों के पास आधुनिक हथियार थे। एसएसबी के सभी 13 कर्मियों को पांच घंटे के लिए केचना के एपीएफ शिविर में रखा गया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

एसएसबी प्रमुख बी डी शर्मा ने नई दिल्ली में कहा कि 13 कर्मियों को रिहा कर दिया गया है और अब वे भारतीय भूभाग में लौट आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘नेपाल की तरफ से हमारे समकक्षों ने आज जो सहायता की उसकी हम सराहना करते हैं और मैंने घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सके हैं और इस तरह की घटनाएं भविष्य में नहीं हों।’ शर्मा ने कहा कि एसएसबी कर्मियों को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है और एपीएफ ने उनके साथ उचित व्यवहार किया। अर्धसैनिक बल के जवान नेपाल के साथ लगी 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा की रक्षा करते हैं।

भारतीय अधिकारियों ने नयी दिल्ली में कहा कि एसएसबी के 13 कर्मियों का गश्ती दल क्षेत्र में तैनात 12वीं एसएसबी बटालियन के दो जवानों-कांस्टेबल रोशन और रामप्रसाद की टीम के पीछे-पीछे ‘अनजाने में’ नेपाली सीमा में घुस गया। यह दल नेपाल की सीमा में करीब 50 मीटर अंदर खूंटानमणि गांव पहुंच गया जहां उसे ग्रामीणों ने घेर लिया। अधिकारियों ने बताया, ‘सैनिक अपने सामान और हथियारों के साथ भारत लौट आए हैं।’ नेपाल के झापा जिले के सहायक मुख्य जिला अधिकारी प्रसाद डंबरू प्रसाद निरौला ने बताया कि घटना की जांच करने के बाद उन्हें भारतीय पक्ष को सौंप दिया गया।

माई रिपब्लिका ने निरौला के हवाले से कहा, ‘उनसे (एसएसबी के जवानों) नेपाल में घुसने के कारण के बारे में पूछताछ की गई।’ एसएसबी प्रमुख को एपीएफ के समकक्ष केशराज उंटा ने घटना के बारे में जानकारी दी और दोनों के बीच सीधे संवाद से पांच घंटे के भीतर मुद्दे का हल हो गया।

एसएसबी कर्मियों को झापा जिले में ले जाया गया और दोनों बलों के प्रमुखों के एक-दूसरे से बातचीत करने के बाद फील्ड कमांडर की तत्काल बैठक बुलाई गई।

हाल के महीनों में भारत और नेपाल के बीच संबंधों में गिरावट आई है क्योंकि भारतीय मूल के मधेसियों ने नए संविधान के विरोध में भारत से लगते महत्वपूर्ण सीमा व्यापार बिन्दुओं को अवरूद्ध कर दिया है जिससे नेपाल में ईंधन और अन्य आवश्यक चीजों की भारी किल्लत हो गई है।

पिछले हफ्ते भारत से लगती सीमा के नजदीक दक्षिणी नेपाल में एसएसबी की कथित गोलीबारी से चार नेपाली नागरिक घायल हो गए थे।

नेपाल ने आरोप लगाया था कि एसएसबी कर्मी सुनसारी जिले में नेपाली क्षेत्र में 100 मीटर अंदर तक घुस आए थे और रसायन उर्वरक तस्करों के समूह का पीछा करते हुए चार निहत्थे नेपाली लोगों पर गोली चलाई थी। भारतीय दूतावास ने हालांकि यहां कहा था कि सीमा सुरक्षाकर्मियों ने तस्करों पर भारतीय क्षेत्र के भीतर आत्मरक्षा में गोली चलाई थी।

भारत ने नेपाल के ‘अशांत’ सुनसारी जिले में ज्यादतियों का आरोप एसएसबी पर मढ़े जाने पर काठमांडो की आलोचना की थी।

आज की घटना पर टिप्पणी करते हुए नेपाल में भारत के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा कि सीमा प्रहरी एक-दूसरे के हिस्से में घुस सकते हैं लेकिन उन्हें सारे हथियार सीमा चौकी पर सौंपनी होती है। उन्होंने नई दिल्ली में कहा, ‘लेकिन वे (एसएसबी जवान) हथियार और गोला-बारूद के साथ थे।’ उन्होंने कहा, ‘स्थानीय लोग मेरा मानना है कि उन्होंने प्रतिक्रिया की और अगर किसी तरह की घटना होती तो हमारे सुरक्षा बल खासतौर पर सशस्त्र पुलिस यहां भारतीय बलों को बचाने के लिए वहां थे।’ उन्होंने कहा कि यह बेहद आम बात है लेकिन इन दिनों नाकेबंदी की वजह से आवश्यक वस्तुओं के घोर अभाव की वजह से लोग काफी संवेदनशील हैं।

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