1965 की भारत-पाक जंग के 50 साल पूरे, राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
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1965 की भारत-पाक जंग के 50 साल पूरे, राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

पूरा देश शुक्रवार को 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की स्वर्ण जयंती मना रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ हुए 1965 के युद्ध को आज 50 साल पूरे हो गए हैं और भारत ने अपनी जीत की इस स्वर्ण जयंती की शुरुआत शुक्रवार को अमर जवान ज्योति से की। इस मौके पर पूरा देश शहीदों को याद कर रहा है। दिल्ली के अमर जवान ज्योति पर आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख 1965 की लड़ाई में शहीद हुए जवानों को सुबह 11 बजे श्रद्धांजलि अर्पित की।

1965 की भारत-पाक जंग के 50 साल पूरे, राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्‍ली : पूरा देश शुक्रवार को 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की स्वर्ण जयंती मना रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ हुए 1965 के युद्ध को आज 50 साल पूरे हो गए हैं और भारत ने अपनी जीत की इस स्वर्ण जयंती की शुरुआत शुक्रवार को अमर जवान ज्योति से की। इस मौके पर पूरा देश शहीदों को याद कर रहा है। दिल्ली के अमर जवान ज्योति पर आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख 1965 की लड़ाई में शहीद हुए जवानों को सुबह 11 बजे श्रद्धांजलि अर्पित की।

गौर हो कि पांच महीनों तक चली इस जंग में देश के करीब 3,000 जवान शहीद हुए थे। हमारे सैनिकों ने बहादुरी का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर शिकस्त दी थी। बाद में संयुक्त राष्ट्र के दख़ल के बाद दोनों देश युद्धविराम पर राजी हुए थे। जिसके बाद ताशकंद में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था।

वहीं, इस जंग में अपनी जान पर खेलने वाले सैनिक और शहीद हुए जवानों के परिवार इस कार्यक्रम से दूर रहेंगे। यह कार्यक्रम 22 सितंबर तक चलेगा। हालांकि सर्विंग सैनिक इस समारोह में भाग जरूर लेंगे, लेकिन जिनकी बदौलत 65 की जीत हासिल हुई। आजादी के बाद वर्ष 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ भी हुआ वह, कई पीढ़ियों को आज भी याद है। दोनों देशों के बीच युद्ध ने दोनों देशों की दिशा और दशा बदलकर रख दी। इस युद्ध में भारतीय सेना ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी सेना को हराया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक मोर्चा खोल दिया था। युद्ध में भारतीय जल सेना ने भी अपना जौहर दिखाया था।

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी है जो इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि वह उन शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इस युद्ध के पचास वर्ष पूरे होने पर उन्होंने आगे लिखा है कि हमारे देश के जवान सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत है।

दूसरी ओर, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ नीति के क्रियान्वयन के बारे में ‘समय आने पर’ ऐलान करेंगे। पार्रिकर ने यहां युद्ध स्मारक के उद्घाटन में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के अपने भाषण में वन रैंक वन पेंशन का उल्लेख किया था। वह निर्णय लेंगे और जब समय आएगा तो ऐलान करेंगे। ओआरओपी के क्रियान्वयन की मांग को लेकर पूर्व सैन्यकर्मी दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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