'आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग डे': जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन, जानें कुछ खास बातें
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'आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग डे': जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन, जानें कुछ खास बातें

शहीदों और देश के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी सीमाओं पर लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में हर साल 7 दिसंबर 1949 से 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' मनाया जाता है. 

'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने के दिन के रूप में मनाया जाता है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: शहीदों और देश के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी सीमाओं पर लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में हर साल 7 दिसंबर 1949 से 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' मनाया जाता है. वहीं इससे पहले रक्षा मंत्रालय 1 दिसंबर से 7 दिसंबर तक 'आर्म्ड फोर्सेस वीक' मना रहा है. सैनिकों के लिए तिरंगे की रक्षा के साथ ही सैन्‍य फ्लैग उनकी आन-बान-शान का प्रतीक है. इसलिए हर साल सात दिसंबर को 'आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग डे' (सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस) मनाया जाता है. इसी कड़ी में इस बार 1-7 दिसंबर के बीच 'आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग वीक' मनाया जा रहा है.

  1. सैनिकों के लिए तिरंगे की रक्षा के साथ ही सैन्‍य फ्लैग उनकी आन-बान-शान का प्रतीक है.
  2. हर साल सात दिसंबर को 'आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग डे' (सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस) मनाया जाता है.
  3. इस बार 1-7 दिसंबर के बीच 'आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग वीक' मनाया जा रहा है.

इस मौके पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक वीडियो के जरिए देशवासियों से कहा है कि सभी पूर्व सैनिकों के सम्मान में आर्म्ड फोर्सेस फ्लैग बैच पहने और वेलफेयर फंड में योगदान दें.

उन्होंने कहा हम भारत के नागरिक हैं और गर्व के साथ सभी को फ्लैग पहनना चाहिए. साथ ही जितना हो सके फंड में योगदान दें.  

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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए 'आर्म्ड फोर्सेस वीक' में बैच लगाने और वेलफेयर फंड में योगदान देने की अपील की है. सभी देशवासी 7 दिसंबर 2017 तक तीनों सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले झंडों को अपनी वेशभूषा पर धारण कर गर्व की भावना प्रदर्शित कर सकते हैं.आइये जानते हैं 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' से जुड़ी कुछ खास बातें-

  • 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने के दिन के रूप में मनाया जाता है. ये उन जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन है जो सरहद की रक्षा के लिए रात-दिन मुस्‍तैदी से देश की सेवा में लगे रहते हैं. जिनका एक ही लक्ष्य होता है देश की रक्षा करना. उसके लिए वे प्राण की बाजी भी लगा देते हैं.
  • सेना केवल सरहदों पर ही नहीं, बल्कि आतंकवादियों और उग्रवादियों से मुकाबला कर देश में शांति स्थापित कर अपनी जान देश के लिए न्यौछावर कर देते हैं. झंडा दिवस 7 दिसंबर, 1949 से भारतीय सेना द्वारा हर साल मनाया जाता है. पिछले कुछ सालों में, यह भारत की सैनिकों, विमानों और नाविकों के सम्मान के रूप में इस दिन को मनाने की परंपरा शुरू हुई है. 
  • 'आर्म्ड फोर्सेस डे फंड' से मिलने वाली रकम वेलफेयर फंड में जाती है. वहीं इस दौरान जितनी भी रकम जमा होगी वह युद्ध में शहीदों की विधवा, दिव्यांग हुए सैनिक और उनके परिवार-बच्चों के कल्याण के लिए खर्च की जाती है.भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के तुरंत बाद, सरकार के लिए अपने रक्षा कर्मियों के कल्याण का प्रबंधन करने के लिए 28 अगस्त 1949 को रक्षा मंत्री के अधीन एक समिति ने 7 दिसंबर को एक ध्वज दिवस का आयोजन करने का निर्णय लिया. 
  • 'आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग डे' (सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस) का महत्व और उद्देश्य-
  • फ्लैग दिवस मुख्य रूप से तीन बुनियादी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मनाया जाता है
  • युद्ध में शहीदों के पुनर्वास के लिए
  • सेवारत कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए 
  • पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के पुनर्वास और कल्याण के लिए 
  • झंडा दिवस को मनाने का विचार सभी के मन में सशस्त्र सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का था. सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस पर भारतीय सशस्त्र बलों, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना की सभी तीन शाखाएं आम लोगों को अपने सेनाओं के सम्मान के लिए कई शो, कार्निवल, नाटक और अन्य मनोरंजन कार्यक्रमों की व्यवस्था करती हैं. 
  • सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस पर पूरे देश में लाल, गहरे नीले और हल्के नीले रंग के रंग के झंडे, जो तीन सेवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, दान के बदले वितरित किए जाते हैं. 

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