99.9 फीसदी अंक लाने वाले छात्र ने करियर के वजाय चुना संन्यास!
Advertisement

99.9 फीसदी अंक लाने वाले छात्र ने करियर के वजाय चुना संन्यास!

12वीं के रिजल्ट आते ही सभी अपना अच्छा करियर बनाने के लिए बेहतर कॉलेज और पसंदीदा कोर्स की तरफ भागते नजर आते हैं लेकिन गुजरात के रहने वाले एक लड़के की सोच कुछ अलग ही है.

प्रतीकात्मक फोटो

अहमदाबाद: 12वीं के रिजल्ट आते ही सभी अपना अच्छा करियर बनाने के लिए बेहतर कॉलेज और पसंदीदा कोर्स की तरफ भागते नजर आते हैं लेकिन गुजरात के रहने वाले एक लड़के की सोच कुछ अलग ही है.

गुजरात की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 99.9 फीसदी अंक पाने वाला टॉपर वार्शिल शाह आईआईटी या सीए-सीएस का सपना देखने के बजाय जैन दीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है. अहमदाबाद के मध्यवर्गीय परिवार का वार्शिल आठ जून को दीक्षा लेगा. गुजरात हायर सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड के परिणाम में वार्शिल ने टॉप किया है। पेशे से आयकर अधिकारी वार्शिल के पिता जिगरभाई और मां अमीबेन बेटे के फैसले से काफी खुश हैं.

वर्शील के पिता जिगरभाई शाह कहते हैं कि उनका परिवार शुरू से ही आध्यात्म की तरफ अधिक झुकाव रहा. जिगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. जिगर कहते हैं, 'मेरी पत्नी अमी बहुत ज्यादा धार्मिक स्वभाव की है और मेरे बच्चे वर्शील और उसकी बहन का भी धर्म और अध्यात्म की तरफ झुकाव है. वास्तव में जब वर्शील की स्कूल की छुट्टियां होती थीं तो कहीं घूमने जाने की बजाए वह सत्संग में जाना पसंद करता था.'

इन सत्संगों के दौरान ही वर्शील कई जैन मुनियों और संन्यासियों के संपर्क में आया जो संन्यासी बनने से पहले डॉक्टर, इंजिनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट थे लेकिन असली खुशी उन्हें दीक्षा लेने के बाद ही मिली. 

वार्शिल का परिवार बेहद सादगी भरा जीवन बिताता है 

जैन धर्म को मानने वाला वार्शिल का परिवार बेहद सादगी के साथ जीवन व्यतीत करता है. उनके घर में बिजली का ज्यादा प्रयोग वर्जित है, क्योंकि उनका मानना है कि बिजली बनाने में कई जलीय जीव मारे जाते हैं. शाह के घर में फ्रिज और टीवी भी नहीं है. बिजली का इस्तेमाल भी सिर्फ रात में पढ़ाई के लिए होता है. नयनभाई ने बताया कि वार्शिल तीन साल पहले मुनि श्री कल्याण रत्न विजय जी के संपर्क में आया और तभी से धर्म की राह पर चल पड़ा। वह सफलता के लिए कड़ी मेहनत की बजाय शांत दिमाग को ज्यादा तरजीह देता है। 

Trending news