मुंबई: अदालत ने DGCA से कहा- आंख मूंदकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को न अपनाएं
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मुंबई: अदालत ने DGCA से कहा- आंख मूंदकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को न अपनाएं

बंबई हाईकोर्ट ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को हवाई सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों को आंख मूंदकर नहीं अपनाना चाहिए और अपनी स्वतंत्र समझ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. 

पीठ शहर के निवासी हरीश अग्रवाल की जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है.(फाइल फोटो)

मुंबई: बंबई हाईकोर्ट ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को हवाई सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों को आंख मूंदकर नहीं अपनाना चाहिए और अपनी स्वतंत्र समझ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. न्यायमूर्ति नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने डीजीसीए से कहा कि वह इस बारे में उचित कदम उठाए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इंडिगो एयरलाइंस और गो एयर के प्रभावित विमान जरूरी सुरक्षा मानदंड हासिल कर सकें. पीठ शहर के निवासी हरीश अग्रवाल की जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है.

याचिका में नागर विमानन अधिकारियों को ए 320 नियो विमानों में प्रैट और व्हिटनी इंजनों के बारे में समुचित निर्देश देने की अपील की गई है. अदालत ने यह निर्देश तब दिया जबकि केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ को बताया कि वह इस बारे में डीजीसीए द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है.

सिंह ने अदालत में हलफनामा देकर कहा कि डीजीसीए ने उन सभी विमानों को खड़ा करने का निर्देश दिया है जिनका एक या अधिक पीएंडडब्ल्यू इंजन प्रभावित है. पीठ ने सरकार से पूछा कि क्या वह यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी ए 320 नियो विमानों में सुरक्षित इंजनों का इस्तेमाल हो रहा है. पीएंडडब्ल्यू इंजन की जगह लगाए जा रहे नए इंजन उड़ान के लिए कितने सुरक्षित हैं. अदालत ने कहा कि आंख मूंदकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को नहीं अपनाया जाए बलिक अपनी समझ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

इनपुट भाषा से भी 

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