आरुषि हत्याकांड: SC ने तलवार दंपति को जारी किया नोटिस, CBI और यूपी सरकार से मांगा जवाब
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आरुषि हत्याकांड: SC ने तलवार दंपति को जारी किया नोटिस, CBI और यूपी सरकार से मांगा जवाब

डॉ. तलवार की नाबालिग पुत्री आरुषि की हत्या वर्ष 2008 में 15 मई की रात नोएडा के सेक्टर-25 के जलवायु विहार स्थित घर में ही कर दी गई थी.

आरुषि हत्याकांड: SC ने तलवार दंपति को जारी किया नोटिस, CBI और यूपी सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने साल 2008 के बहुचर्चित आरुषि- हेमराज हत्याकांड में सोमवार (19 मार्च) को तलवार दंपति को नोटिस जारी किए. न्यायालय ने इस हत्याकांड में मारे गए घरेलू सेवक हेमराज की पत्नी की अपील पर ये नोटिस जारी किए. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे की अपील पर राजेश तलवार और नूपुर तलवार को नोटिस जारी किए. बंजाडे ने पिछले साल दिसंबर (2017) में अपील दायर की थी, जबकि केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने इस फैसले के खिलाफ हाल ही में अपील दायर की है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में सीबीआई की अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को तलवार दंपति को अपनी बेटी आरुषि और घरेलू सेवक हेमराज की हत्या के सिलसिले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

  1. हेमराज की पत्नी की याचिका पर तलवार दंपति को नोटिस.
  2. शीर्ष न्यायालय ने सीबीआई और यूपी सरकार से भी जवाब मांगा.
  3. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजेश तलवार और नूपुर तलवार को बरी कर दिया था.

पिछले साल 12 अक्टूबर (2017) को उत्तर प्रदेश में नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सूबतों के आभाव में डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार को बरी कर दिया था. इस मामले में आरोपी दंपति डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार ने सीबीआई अदालत गाजियाबाद की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी. डॉ. तलवार की नाबालिग पुत्री आरुषि की हत्या वर्ष 2008 में 15 मई की रात नोएडा के सेक्टर-25 के जलवायु विहार स्थित घर में ही कर दी गई थी. अगले दिन घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज (नेपाल का रहनेवाला) का शव भी पाया गया था.

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इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई 2013 को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. 1 जून को यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था. सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तब से तलवार दंपति जेल में बंद थे.

आरुषि-हेमराज हत्याकांड में कब क्या हुआ-:
16-17 मई 2008 को हुए नाबालिग आरुषि तलवार और नौकर हेमराज के दोहरे हत्याकांड की गुत्थी आज भी उलझी है, इस मामले में गिरफ्तार बच्ची के परिजन दंतचिकित्सक दंपत्ति राजेश और नूपुर तलावर को अदालत ने बरी कर दिया है. इस मामले में कब क्या हुआ इसकी पूरी जानकारी यहां पर है.
16 मई 2008: 14 वर्षीय आरुषि तलवार का शव नोएडा स्थित अपने आवास पर कमरे में गला रेता हुआ पाया गया था. घर का नेपाली नौकर हेमराज इस हत्या का संदिग्ध बताया जा रहा था.
17 मई: तलवार के घर की छत पर हेमराज का शव मिला.
18 मई: पुलिस का कहना है कि हत्याओं को सर्जिकल कुशलता के साथ किया गया था, जिसका संदिग्ध कोई अंदरूनी ही है.
22 मई: पुलिस को संदेह था कि यह हत्या सम्मान के नाम पर की गई.
23 मई: आरुषि के पिता राजेश तलवार को दोहरे हत्याकांड के लिए गिरफ्तार किया गया.
31 मई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले को संभाला.
13 जून: सीबीआई ने राजेश तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया. दस दिन बाद, तलवार के एक डॉक्टर मित्र के नौकर राजकुमार और तलवार के पड़ोसी के नौकर विजय मंडल को भी हिरासत में लिया गया.
12 जुलाई: गाजियाबाद अदालत ने राजेश को उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण जमानत दे दी.
5 जनवरी 2010: सीबीआई ने तलवार दंपति पर नारको टेस्ट कराने के लिए अदालत पहुंची.
29 दिसंबर: सीबीआई ने मामले को बंद करने की अर्जी दाखिल की, जिसमें राजेश को मुख्य संदिग्ध बताया गया था, लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे.
9 फरवरी, 2011: गाजियाबाद अदालत ने सीबीआई की समापन रिपोर्ट को खारिज कर दिया और आदेश दिया कि राजेश और नुपूर तलवार पर अपराध के लिए मुकदमा चलाया जाए. दंपत्ति पर सबूतों को नष्ट करने का आरोपों लगाया गया. दंपत्ति के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया.
30 अप्रैल: नुपूर तलवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
25 मई: गाजियाबाद अदालत ने राजेश और नुपूर तलवार पर हत्या, साक्ष्य को मिटाने और साजिश रचने का आरोप लगाया.
25 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नूपुर तलवार को जमानत मिली.
अप्रैल 2013: सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि तलवार दंपत्ति द्वारा आरुषि और हेमराज की हत्या कर दी गई थी.
3 मई: बचाव पक्ष के वकील ने सीबीआई के पूर्व निदेशक अरुण कुमार समेत 14 लोगों को अदालत में गवाही के लिए बुलाने के लिए कहा. सीबीआई ने याचिका का विरोध किया.
6 मई: 14 अदालत ने गवाहों को बुलाने के लिए तलवार की याचिका खारिज कर दी. अदालत ने राजेश और नुपूर के बयान दर्ज कराने का आदेश दिया.
18 अक्टूबर: सीबीआई ने तलवार द्वारा जांचकर्ताओं को गलत जानकारी देने का आरोप लगाकर बहस को बंद कर दिया.
25 नवंबर: राजेश और नुपूर तलवार को उनकी एकमात्र बेटी की हत्या का दोषी पाया गया.
26 नवंबर: सीबीआई अदालत ने राजेश और नुपूर तलवार दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई.
21 जनवरी 2014: तलवार ने सीबीआई अदालत के उम्रकैद की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
11 जनवरी, 2017: इलाहाबाद उच्च न्यायालय तलवार दंपत्ति द्वारा दायर की गई याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया, जिसमें उनकी सजा को चुनौती दी गई थी.
12 अक्टूबर, 2017: इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने तलवार दंपत्ति को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया, जिसमें उन्हें संदेह का लाभ दिया गया.

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