जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार, पुलिस, प्रशासन और हर कोई कट्टरपंथ को लेकर चिंतित है. रावत ने कहा, ‘‘हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि लोग इस तरह के कट्टरपंथ से दूर रहें.’’
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जम्मू: आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि कश्मीर में कट्टरपंथ की समस्या का समाधान ‘‘काफी गंभीरता’’ से किया जा रहा है. इसके साथ ही, आर्मी चीफ ने कट्टरपंथ के फैलने के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया. एक दिन के दौरे पर यहां आए रावत ने राज्य में चोटी कटने की कथित घटनाओं के मुद्दे को ‘‘सामान्य विषय’’ करार दिया और कहा कि इससे नागरिक प्रशासन और पुलिस को निपटना है.
रावत ने कहा, ‘‘कट्टरपंथ हो रहा है. ऐसा पूरी दुनिया में हो रहा है. हम काफी गंभीरता से इससे निपट रहे हैं.’’ रावत ने यहा एक कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया और उन्होंने 47 आरमर्ड रेजिमेंट को प्रेसिडेंट्स स्टैंडर्ड से नवाजा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार, पुलिस, प्रशासन और हर कोई कट्टरपंथ को लेकर चिंतित है. रावत ने कहा, ‘‘हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि लोग इस तरह के कट्टरपंथ से दूर रहें.’’ सेना प्रमुख ने लोगों के कट्टरपंथी बनने के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा (कट्टरपंथ) मुख्यत: सोशल मीडिया की वजह से हो रहा है.’’
यह पूछने पर कि क्या घाटी में अलगाववादियों और पत्थरबाजों पर लगाम कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) छापेमारी कर रही है, उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार के रुख को अपनाया जाता है तो सरकार के हर पहलू एवं हर मशीनरी को भूमिका निभानी होता है और एनआईए की छापेमारी से जो सफलता हासिल हुई है, वह निकट भविष्य में पता चलेगी.’’
चोटी कटने की कथित घटनाओं के कारण सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा, ‘‘आप इसे चुनौती के रूप में क्यों देख रहे हैं.’’ सेना प्रमुख ने कहा कि ऐसा देश के अन्य इलाकों में भी हो रहा है और अब ऐसा कश्मीर में भी होने लगा है. यह पूछने पर कि क्या अलगाववादी घाटी में अशांति फैलाने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इसकी सच्चाई को सामने लाने में मीडिया को भूमिका निभानी है.
(इनपुट - भाषा)