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नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने रविवार को इस बात से इनकार नहीं किया कि भारत में गठबंधन राजनीति का युग लौट सकता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे ‘विविविधता भरे’ देश में यह संभव है।
आडवाणी ने ऐसे समय में गठबंधन राजनीति की वापसी की संभावना को लेकर अपना विचार व्यक्त किया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत की सरकार चला रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में गठबंधन राजनीति या गठबंधन सरकार का युग खत्म हो गया, इस पर आडवाणी ने एक टेलीविजन कार्यक्रम में कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा । मेरा अब भी यह मानना है कि भारत जैसे विविधता भरे देश में फिर से गठबंधन सरकार आ सकती है।’ आडवाणी ने कहा कि भारत जैसे देश में हर किसी को सभी संभावनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘अब एक पार्टी वाली उस तरह की सरकार होना बहुत सामान्य नहीं है जैसा आजादी के बाद के शुरुआती सालों में हुआ या जैसी वाजपेयी की अपनी सरकार थी। कुछ समय के लिए गठबंधन बिल्कुल नहीं के बराबर था। कुछ भी हो सकता है। भारत जैसे देश में आपको हर संभावना के लिए तैयार रहना चाहिए।’ अन्य मुद्दों पर आडवाणी ने कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री एवं भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी जैसे देशभक्त को ‘भारत रत्न’ दिया जाता है तो वह सर्वथा उचित होगा।
ऐसी अटकलें हैं कि 25 दिसंबर को वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की घोषणा हो सकती है। आडवाणी उन शुरुआती लोगों में से हैं जिन्होंने वाजपेयी को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की वकालत की थी। आडवाणी ने यह भी कहा कि वह इस बात पर यकीन नहीं कर सकते कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उन संवैधानिक प्रावधानों के बारे में पता नहीं था जिससे आपातकाल की घोषणा की जाती है। साल 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई थी।
भाजपा नेता ने कहा, ‘मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में लागू किया गया आपातकाल इंदिराजी के करियर में एक दाग रहा है।’ आडवाणी विपक्ष के उन शीर्ष नेताओं में रहे हैं जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल भेज दिया गया था।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में जारी अपनी पुस्तक ‘दि ड्रमैटिक डीकेड : दि इंदिरा गांधी ईयर्स’ में कहा है कि इंदिरा को उन संवैधानिक प्रावधानों के बारे में पता नहीं था जिससे आपातकाल की घोषणा होती है। मुखर्जी ने किताब में यह दावा भी किया है कि सिद्धार्थ शंकर रे ने इंदिरा को आपातकाल लागू करने की सलाह दी थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या नई सरकार के लिए वह समय आ गया है जब ‘भारत रत्न’ के जरिए वाजपेयी के योगदान को स्वीकार किया जाए, इस पर आडवाणी ने कहा, ‘वाजपेयी अपना कर्तव्य पालन करते रहे हैं। ‘भारत रत्न’ के बाबत मैं नहीं समझता कि कर्तव्य पालन के ईनाम के तौर पर यह दिया जाता है। फिर भी यदि उन्हें ‘भारत रत्न’ दिया जाता है तो यह वाजपेयी जैसे देशभक्त के लिए उचित होगा।’