वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किए गए मानहानि के दावे में अरविंद केजरीवाल की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं.
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नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किए गए मानहानि के दावे में अरविंद केजरीवाल की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. पहले मुख्यमंत्री का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने केस को बीच में ही छोड़ दिया था. अब जेठमलानी के बाद उनका केस देख रहे अधिवक्ता अनूप जॉर्ज चौधरी ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं.
पत्र में बताई वजह
उन्होंने एक पत्र लिखकर खुद को इस मामले से अलग करते हुए कहा कि इस मामले में उनके पास इस मामले में पर्याप्त सबूत या दस्तावेज नहीं हैं, जिसके कारण 12 फरवरी को सुनवाई के दौरान उन्हें शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा था.
पहले जेठमलानी छोड़ चुके हैं साथ
बता दें कि राम जेठमलानी ने भी इस केस को छोड़ चुके हैं. 17 मई, 2017 को कोर्ट में मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरफ से केस लड़ रहे वकील राम जेठमलानी ने जिरह के दौरान अरुण जेटली को CROOK (बदमाश) शब्द का इस्तेमाल कर उल्लेखित किया. इस दौरान अरुण जेटली ने कहा, ‘क्या आपको इतने भद्दे शब्द का इस्तेमाल करने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अनुमति दी है.
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इस पर अरुण जेटली ने मुख्यमंत्री पर अलग से 10 करोड़ का दावा करने की बात कही थी. इसके बाद जेठमलानी ने खुद को केस से अलग कर लिया था.
डीडीसीए मामले में लगाए आरोप
आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने अरुण जेटली पर 2000 से 2013 के बीच डीडीसीए में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इन आरोपों पर जेटली ने मानहानि का दावा किया था. अरुण जेटली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित नेता राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी को इस मामले में शामिल किया था.
Arvind Kejriwal's lawyer Anoop George Chaudhari says he will no longer be able to appear for him in the defamation case filed by Arun Jaitley.
— ANI (@ANI) 16 फ़रवरी 2018
हाईकोर्ट का कड़ा रुख
पिछली बार 2 फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए थे कि अरुण जेटली से जिरह 12 फरवरी तक पूरी कर लें. संयुक्त रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने कहा कि उन्होंने इस केस के दस्तावेज को देखा है और पाया कि केंद्रीय मंत्री को 8 अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया. मुख्यमंत्री ने क्रॉस इग्ज़ैमिनेशन के दौरान अरुण जेटली से 250 से ज्यादा सवाल पूछे.
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केजरीवाल पर लग चुका है जुर्माना
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर 10 करोड़ रुपए के एक नए मानहानि मुकदमे में मुख्यमंत्री के जवाब में देरी को लेकर सितंबर में उन पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया था. ज्वाइंट रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता ने केजरीवाल को 'युद्ध में हताहत सैनिकों के लिए बने सैन्य कल्याण कोष' में 5,000 रुपए के जुर्माने की राशि जमा करने का निर्देश दिया. ज्वाइंट रजिस्ट्रार केजरीवाल पर पहले भी 10,000 रुपए का जुर्माना लगा चुके हैं.