प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा सरकार को जारी किया नोटिस
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प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा सरकार को जारी किया नोटिस

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को भी नोटिस जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को भी नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में आपातकाल जैसी स्थिति है इस मामले में शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए. न्यायालय ने पराली जलाने और सडकों की धूल से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश के निर्देश देने के लिये इन सभी सरकारों से मांगा जवाब मांगा है. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है. 

  1. सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने और धूल से होने वाले प्रदूषण पर मांगा जवाब
  2. केंद्र सरकार के साथ-साथ, दिल्ली-यूपी-पंजाब-हरियाणा सरकार को नोटिस
  3. प्रदूषण पर अंकुश के निर्देश देने के लिये सभी सरकारों से कोर्ट ने मांगा जवाब

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इस याचिका में पराली जलाने, सड़क पर धूल तथा सम-विषम(ऑड-ईवेन) योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के संबंध में केंद्र तथा राज्यों को निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई थी. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील आरके कपूर ने दाखिल की थी. याचिका में चीफ जस्टिस से बढ़ते प्रदूषण पर दिशा-निर्देश जारी करने की गुहार लगाई गई थी. 

 

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानलिवकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने वकील आरके कपूर की ओर से दी गई अर्जी को स्वीकार करते हुए इस पर सोमवार को सुनवाई का फैसला किया था. याचिकाकर्ता ने अपने आवेदन में कहा है कि सड़कों पर उड़ रही धूल, दिल्ली के पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में पराली जलाये जाने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में प्रदूषण खतरे की हद तक बढ़ गया है. 

याचिका स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा था कि, ''हम प्रदूषण को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.'' उसने कहा कि वह पहले से सूचीबद्ध मुकदमों के बाद इस मामले पर आज ही सुनवाई करेगी. ताजा याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र और संबंधित राज्यों और सड़कों की धूल तथा पराली जलाने पर नियंत्रण करने का निर्देश दे. अर्जी में कारों के लिए 'सम-विषम' योजना को भी प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की गई है.

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