अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला का साया? 29 जून से शुरू होगी
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अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला का साया? 29 जून से शुरू होगी

अमरनाथ यात्रा में किसी तरह की घटना ना हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों ने ऑपरेशनल और प्रशासनिक पहलू से जुड़ी रणनीति तैयार की है. खबर है कि आतंकवादी अब अमरनाथ यात्री को निशाना बनाने की फिराक में हैं. उनका मकसद बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रियों को हताहत कर देशभर में सांप्रदायिक दंगे कराने का है. पुलिस ने बताया कि गोपनीय चिट्ठी में इस बात की जानकारी मिली है.

अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला का साया? 29 जून से शुरू होगी

जम्मू: अमरनाथ यात्रा में किसी तरह की घटना ना हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों ने ऑपरेशनल और प्रशासनिक पहलू से जुड़ी रणनीति तैयार की है. खबर है कि आतंकवादी अब अमरनाथ यात्री को निशाना बनाने की फिराक में हैं. उनका मकसद बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रियों को हताहत कर देशभर में सांप्रदायिक दंगे कराने का है. पुलिस ने बताया कि गोपनीय चिट्ठी में इस बात की जानकारी मिली है.

जम्मू-कश्मीर में 29 जून से इस यात्रा की शुरुआत होगी. यह यात्रा अनंतनाग जिले के परंपरागत 28.2 किमी लंबे पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले के 9.5 किमी लंबे बालटाल मार्ग से जाएगी और सात अगस्त को रक्षा बंधन के दिन इसका समापन होगा. यह यात्रा 40 दिन चलेगी.

इस चिट्ठी में कहा गया है कि आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने की अपनी रणनीति बदली है. उनकी योजना है कि यात्रा के दौरान इस तरह हमला किया जाए कि 100-150 यात्री हताहत हों. साथ ही पुलिस के जवानों-अफसरों को भी बड़े पैमाने पर निशाना बनाया जाए. ऐसे हमले से देशभर में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो जाएंगे और उनका काम आसान हो जाएगा और देशविरोधी तत्वों को फायदा होगा.

शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रा सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत दक्षिण कश्मीर के हिमालय में पहलगाम तथा बालटाल के दो मार्गो पर 24 बचाव दल और 35 श्वान दस्ते तैनात किए जाएंगे. 3,880 मीटर की उंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा तक 40 दिन की वार्षिक अमरनाथ यात्रा अगले हफ्ते से शुरू होगी. यात्रा के दौरान कुल 24 बचाव दलों को तैनात किया जाएगा. इन दलों में जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस, राज्य आपदा राहत बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान होंगे और वे ऑक्सीजन सिलेंडर समेत सभी बचाव उपकरणों से लैस होंगे.

यात्रा के दौरान सशस्त्र पुलिस के आठ पर्वतीय बचाव दलों को यात्रा मार्ग के कठिन हिस्सों में महिलाओं और बुजुर्ग श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैनात किया जाएगा. इसके अलावा कुल 12 हिमस्खलन बचाव दल, एसडीआरएफ के 11 दल, सीआरपीएफ के एक दल को दोनों मार्गो पर तैनात किया जाएगा. इसके अलावा एनडीआरएफ के चार तलाशी एवं बचाव दलों को भी तैनात किया जाएगा. सालाना अमरनाथा यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन ने शांतिपूर्वक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को राष्ट्रीय राजमार्गो पर 24 घंटे गश्ती करने के साथ ही बहुआयामी सुरक्षा व्यवस्था का निर्देश दिया है. 

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