केजरीवाल के सलाहकार ने कोर्ट में कहा- 'अंशु प्रकाश से मारपीट के वक्त CM खुद मौजूद थे'
Advertisement

केजरीवाल के सलाहकार ने कोर्ट में कहा- 'अंशु प्रकाश से मारपीट के वक्त CM खुद मौजूद थे'

आम आदमी पार्टी ने वीके जैन के बयान पर कहा है कि पुलिस के दवाब में वीके जैन ने बयान बदला है. संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वीके जैन का कल बयान आता है कि कोई मारपीट नहीं हुई आज वही वीके जैन कह रहे हैं कि मेरे सामने मारपीट हुई है. 

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुआ मारपीट के मामले में कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने कोर्ट में कहा है कि मेरे सामने मारपीट हुई थी. उन्होनें कहा कि जिस वक्त अंशु प्रकाश के साथ मारपीट हो रही थी सीएम केजरीवाल खुद मौजूद थे. उन्होंने कहा कि हाथापाई की जगह डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे. आम आदमी पार्टी ने वीके जैन के बयान पर कहा है कि पुलिस के दवाब में वीके जैन ने बयान बदला है. संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वीके जैन का कल बयान आता है कि कोई मारपीट नहीं हुई आज वहीं वीके जैन कह रहे हैं कि मेरे सामने मारपीट हुई है. संजय सिंह ने कहा कि जब पुलिस का मामला फेल हो गया तो वीके जैन को उठाकर उनपर दवाब बनाया गया ताकि दोनों विधायकों की पुलिस रिमांड मिल सके.

  1. दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में 2 MLA आरोपी
  2. देवली से MLA प्रकाश जारवाल और ओखला के विधायक अमानतुल्ला पर आरोप
  3. कोर्ट ने दोनों विधायकों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेजा 

वहीं इस मामले में गुरुवार को दिल्ली की अदालत ने AAP के प्रकाश जारवाल और अमानतुल्‍लाह खान को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तेहाड़ जेल भेज दिया है. अदालत ने साथ ही उनकी जमानत याचिकाओं पर शुक्रवार तक के लिये आदेश सुरक्षित रख लिया. दोनों विधायकों को एक दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शेफाली बरनाला टंडन के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उनकी जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की. अदालत ने बुधवार को उन्हें पूछताछ के लिये पुलिस हिरासत में भेजने की मांग ठुकरा दी थी और जमानत याचिका पर सुनवाई गुरुवार के लिये निर्धारित की थी क्योंकि अभियोजन पक्ष उसके सामने कुछ दस्तावेज रखना चाहता था.

अदालत ने मुख्य सचिव से कथित हाथापाई को ‘‘बेहद संवेदनशील’’ मामला बताया था. मजिस्ट्रेट ने विधायकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ का दिल्ली पुलिस का अनुरोध ठुकरा दिया था और कहा था कि विधायक जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं और उनके पास से मामले से जुड़ी कोई चीज बरामद नहीं की जानी है जो पुलिस हिरासत का मूल उद्देश्य होता है. 

इससे पहले इस मामले में AAP के दो बड़े नेता संजय सिंह और आशुतोष ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में आरोप लगाया कि 'मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट (एमएलसी) को साजिशन आनन-फानन में बनाया गया.' दोनों नेताओं ने सवाल उठाते हुए कहा, 'उन पर न तो कोई हमला हुआ, न ही किसी ने मारपीट की ही नहीं, तो ये एमएलसी कहां से बनीं? हो सकता है वो बाथरूम में गिर गए हों.' पार्टी ने इस पूरे मुद्दे पर एलजी अनिल बैजल पर भी सवाल उठाए.

एलजी बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं- आशुतोष
गुरुवार दोपहर को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए आप नेता आशुतोष ने कहा कि 'केवल चीफ सेक्रेटरी के बयान पर हमारे विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि आशीष खेतान  और उनके साथियों से मारपीट करने वालों की अभी तक पहचान नहीं की गई और न ही इस मामले में अभी तक किसी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.' उन्‍होंने कहा, 'एलजी भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. उनका समर्पण संविधान के प्रति नहीं है. उन्‍हें पद पर बने रहने का हक नहीं.'

देखें, आम आदमी पार्टी की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस...

 

एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं- AAP
उन्‍होंने कहा कि 'मुख्‍य सचिव की एमएलसी में लिखा गया है कि उनके साथ मारपीट की घटना रात 12 बजे के बाद हुई, जबकि सीसीटीवी फुटेज में सीएम हाऊस से उन्‍हें साढ़े 11 बजे निकलते हुए देखा सकता है.' आप नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'एलजी संविधान के हिसाब से काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है. चीफ सेक्रेटरी की गिरफ्तारी होनी चाहिए. आशीष खेतान और उनके साथियों पर हमला करने वालों की पहचान होनी चाहिए.'

पढ़ें- दिल्ली: मनीष सिसोदिया के घर के बाहर बीजेपी का प्रदर्शन, कहा-केजरीवाल सरकार होश में आओ

मुख्‍य सचिव को चोटें कहां से आई, इसकी जांच होनी चाहिए- संजय सिंह
वहीं, संजय सिंह ने कहा कि 'उस मीटिंग में सिर्फ राशन के मुद्दे पर बहस हुई थी और बहस होने के बाद मुख्‍य सचिव मीटिंग से चले गए थे, लेकिन उसके बाद उसे मारपीट की घटना के रूप में दिखाया गया. आनन फानन में इसे बड़ा अपराध बनाने के लिए एमएलसी कराई गई, जिसमें इस घटना को 12 बजे के बाद की दिखाया गया है, लेकिन यह सच नहीं है.' उन्‍होंने कहा कि 'उनके शरीर पर चोटें कहां से आई, इसकी जांच होनी चाहिए.'

Trending news