माओवादियों से मुकाबले को ‘जोशीले’ अफसर नियुक्त करें: राजनाथ ने राज्यों से कहा
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माओवादियों से मुकाबले को ‘जोशीले’ अफसर नियुक्त करें: राजनाथ ने राज्यों से कहा

नक्सल समस्या को देश की सबसे गंभीर चुनौती करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समस्या से जूझ रहे सभी राज्यों से आज कहा कि वे ऐसे अधिकारियों को जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक नियुक्त करें जिनमें विद्रोहियों से लड़ने का ‘जोश’ हो।

माओवादियों से मुकाबले को ‘जोशीले’ अफसर नियुक्त करें: राजनाथ ने राज्यों से कहा

पटना: नक्सल समस्या को देश की सबसे गंभीर चुनौती करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समस्या से जूझ रहे सभी राज्यों से आज कहा कि वे ऐसे अधिकारियों को जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक नियुक्त करें जिनमें विद्रोहियों से लड़ने का ‘जोश’ हो।

 

उन्होंने यहां पूर्वी जोनल परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शांति और सुरक्षा के बिना देश में विकास नहीं हो सकता। इसलिए हर किसी की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है।

 

उन्होंने कहा, ‘ मैं माओवाद से प्रभावित सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे ऐसे अधिकारी को डीएम और एसपी नियुक्त करें, जिनमें माओवादियों से मुकाबला करने का जोश हो।’ इस मौके पर बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्री मौजूद थे। इसके अलावा ओड़िशा और पश्चिम बंगाल से दो मंत्री भी बैठक में मौजूद थे। ईजेडसी के ये चार सदस्य राज्य नक्सल समस्या से प्रभावित हैं।

पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए और उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को भेजा था।सिंह ने कहा कि उचित नेतृत्व के बगैर नक्सली हिंसा पर काबू पाना कठिन होगा और इसलिए नक्सल प्रभावित जिलों में अच्छे अधिकारियों की नियुक्ति आवश्यक है।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि माओवादी हिंसा देश के सामने गंभीरतम समस्या है और केंद्र तथा राज्य सरकारों को मिलकर इसका मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ मैं इस कार्य में केंद्र सरकार की ओर से हर आवश्यक मदद का आश्वासन देना चाहता हूं।’ सिंह ने कहा कि जोनल परिषद की बैठकें राज्यों की साझा समस्याओं के हल के लिए आदर्श मंच है और इसकी बैठकें नियमित रूप से, संभवत: हर छह महीने में, आयोजित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री जोनल परिषदों के प्रमुख होते हैं और हर जोन एक मुख्यमंत्री को क्रमिक आधार पर इसका उपाध्यक्ष नामित करता है। जोनल परिषद ऐसे मंच हैं जहां केंद्र और राज्यों तथा प्रदेशों के साझा मुद्दों पर विचार विमर्श होता है।

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