चीन की वायुसेना की बढ़ती हुई ताक़त और भारतीय वायुसेना में फ़ाइटर जेट्स की घटती तादाद की वजह से आर्मी एयर डिफेंस को मज़बूत बनाने के लिए बड़ी योजना तैयार की गई है.
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नई दिल्ली: भारतीय सेना के 4 अधिकारी अगले महीने एक साल के लिए इज़राइल जाकर किसी हवाई हमले से निबटने के लिए सबसे आधुनिक मिसाइलों की ट्रेनिंग लेंगे. सेना के ये अधिकारी उस टीम का हिस्सा होंगे जो आर्मी एयर डिफेंस यानी एडीडी को अत्याधुनिक बनाने की योजना की पहली कड़ी होंगे. भारतीय वायुसेना में फ़ाइटर जेट की कमी को देखते हुए अपने सैनिक ठिकानों को दुश्मन के हवाई हमलों से सुरक्षा देने के लिए आर्मी एयर डिफेंस को अगले 10 साल में अलग-अलग रेंज के कई मिसाइल सिस्टिम ख़रीदने की तैयारी है.
भारतीय सेना की कॉर्प्स ऑफ आर्मी एयर डिफेंस की ज़िम्मेदारी दुश्मन की तरफ़ से किए जाने वाले कम ताक़त के हवाई हमलों ख़ासतौर पर 5000 फीट से नीचे से होने वाले हमलों से सुरक्षा देते हैं. इस समय ऐसे हमलों का ख़तरा ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि अब हवाई हमले के लिए छोटे हवाई जहाज़ और ड्रोन का इस्तेमाल होना आम हो गया है. आर्मी एयर डिफेंस फ़िलहाल ऐसे हमलों का सामना करने के लिए L-70 और ZU-23 एंटी एयरक्रॉफ्ट गन का इस्तेमाल करती है. लेकिन ये दोनों ही सिस्टम काफ़ी पुराने हो चुके हैं. आर्मी एयर डिफेंस आगे बढ़ते हुए टैंकों को भी दुश्मन के हेलीकॉप्टर या ड्रोन के हमले से सुरक्षा देती है जिसके लिए तुंगुश्का, शिल्का और ओसा जैसे ट्रैक पर चलने वाले भारी हथियारों का भी इस्तेमाल करती है. लेकिन ये हथियार केवल टैंकों की रेजीमेंट्स के साथ ही होते हैं.
ऐसे में अपने ठिकानों की सुरक्षा के लिए आर्मी एयर डिफेंस को आधुनिक हथियारों की ज़रूरत है. आर्मी एयर डिफेंस को आकाश मिसाइल्स की चार रेजीमेंट लैस करने की योजना है जिसमें से एक रेजीमेंट ने अपनी तैनाती पूरी कर ली है. लेकिन आर्मी एयर डिफेंस को जिस हथियार का इंतज़ार है वो है बराक 8 मिसाइल सिस्टम जिसे भारत और इज़राइल ने मिलकर बनाया है. ये मिसाइल 500 मीटर से 100 किमी तक की दूरी से किसी भी हवाई हमले को नाकाम कर सकती हैं.
चीन वायुसेना की बढ़ती हुई ताक़त और भारतीय वायुसेना में फ़ाइटर जेट्स की घटती तादाद की वजह से आर्मी एयर डिफेंस को मज़बूत बनाने के लिए बड़ी योजना तैयार की गई है. 2027 तक आर्मी एयर डिफेंस के लिए कई तरह की लंबी, मध्यम और छोटी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के अलावा बहुत कम समय में तैनात होने वाली मिसाइलों की ख़रीदी की बड़ी योजना है. इसके लिए आर्मी एयर डिफेंस अपने अधिकारियों और सैनिकों प्रशिक्षित करने की तैयारी में है. इज़राइल से लौटकर ये अधिकारी ट्रेनर्स की भूमिका निभाएंगे.