सेना और नौसेना कैंटीनों ने मैगी का स्टॉक अलग हटा कर रखने को कहा
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सेना और नौसेना कैंटीनों ने मैगी का स्टॉक अलग हटा कर रखने को कहा

सेना और नौसेना की 1,000 से ज्यादा कैंटीनों को लोकप्रिय नूडल्स मैगी का मौजूदा स्टॉक अगले आदेश तक अलग हटाकर रखने को कहा गया है। मैगी में सीसे और स्वाद बढ़ाने वाले मोनोसोडियम ग्लूमेट (एमएसजी) की मात्रा कथित तौर पर स्वीकार्य सीमा से अधिक पाये जाने के विवाद के मद्देनजर यह आदेश आया है।

नई दिल्ली : सेना और नौसेना की 1,000 से ज्यादा कैंटीनों को लोकप्रिय नूडल्स मैगी का मौजूदा स्टॉक अगले आदेश तक अलग हटाकर रखने को कहा गया है। मैगी में सीसे और स्वाद बढ़ाने वाले मोनोसोडियम ग्लूमेट (एमएसजी) की मात्रा कथित तौर पर स्वीकार्य सीमा से अधिक पाये जाने के विवाद के मद्देनजर यह आदेश आया है।

सेना के एक अधिकारी ने कहा कि यह परामर्श अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि सभी कमांडरों और क्षेत्र प्रबंधकों को अब से कैंटीनों में मैगी की बिक्री स्थगित रखने का मौखिक परामर्श जारी किया गया है। 13 लाख से अधिक सैन्यकर्मियों के बीच मैगी सबसे अधिक खाई जाने वाली खाद्य सामग्री है।

केंद्र सरकार ने मैगी मुद्दे को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पास उपयुक्त कार्रवाई के लिए भेज दिया है वहीं कई और राज्यों ओड़िशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने प्रयोगशाला जांच के लिए नमूने लिए हैं। उपभोक्ता सहकारी समिति केंद्रीय भंडार दिल्ली के अंदर और बाहर स्थित 130 स्टोरों से मैगी वापस मंगा रहा है। मैगी को लेकर सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर देश भर में 1500 सेंट्रल पुलिस कैंटीनों (सीपीसी) ने उनकी पैकेजिंग में कथित अनियमितताओं को लेकर पहले ही नेस्ले इंडिया के उत्पादों पर रोक लगा रखी है। सीपीसी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को केटरिंग की सुविधा देता है। अधिकारियों ने बताया कि नेस्ले इंडिया को इन संस्थाओं की ब्रांड सूची से हटा दिया गया। दरअसल, देहरादून में पाया गया था कि बच्चों के आहार की एक खास चीज पर लगे मैनुफैक्चिरिंग तारीख के स्टीकर से कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई थी।

सीपीसी नेटवर्क में सूचीबद्ध नेस्ले के सभी उत्पादों पर दो महीने पहले से पाबंदी है।सीपीसी नेटवर्क की निगरानी करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नेस्ले और इसके उत्पाद इन कैंटीनों में अब नहीं खरीदे जाते जो आठ लाख से अधिक अर्धसैनिक बलों की सेवा करते हैं जिनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और एनएसजी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि कुछ राज्य पुलिस विभागों को भी इस नेटवर्क के जरिए सेवा दी जाती है जिनमें देश भर में 119 मास्टर कैंटीन और 1,373 आनुषंगिक कैंटीन शामिल हैं।

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