गुरुवार को विजय माल्या ने लंदन की कोर्ट में दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी.
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नई दिल्ली : लंदन की कोर्ट भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने मामलों के निपटारे के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी, लेकिन बैंकों ने उनके सेटलमेंट पर सवाल खड़े कर दिए थे. हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या के इन दावों को सरासर झूठ करार दिया है. उधर, माल्या के इस दावे के बाद भारत की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने माल्या के इस दावे पर सरकार से जवाब मांगा है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विजय माल्या का दावा पूरी तरह से झूठा है. उन्होंने कहा, '2014 से मैंने माल्या को मिलने के लिए कोई समय नहीं दिया. इसलिए उनसे मिलने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. हालांकि जब वह राज्यसभा के सदस्य थे, तो वे सदन की कार्रवाई में शामिल होते थे. और एक मौके पर जब मैं सदन से अपने कमरे की तरफ जा रहा था तब उन्होंने प्रिविलेज का गलत इस्तेमाल किया.'
अपने फेसबुक पेज पर जेटली ने कहा, 'वह मेरे पास आए और कहा कि वह सेटलमेंट के लिए एक ऑफर तैयार कर रहे हैं. इस पर मैंने उनसे कहा था कि इस बारे में मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है, उन्हें बैंकों से बात करनी चाहिए. मैंने वह कागज भी नहीं लिए जो माल्या अपने हाथों में लिए हुए थे और मुझे देने की कोशिश कर रहे थे.'
वित्त मंत्री ने कहा, 'केवल इस एक वाक्य के अलावा मेरा उनसे कोई संवाद नहीं हुआ. और यह भी उन्होंने राज्यसभा का सदस्य होने के नाते मिले प्रिविलेज का गलत इस्तेमाल किया.' उन्होंने कहा कि इसके अलावा विजय माल्या की उनसे पिछले 4-5 सालों के दौरान कोई मुलाकात नहीं हुई.
#WATCH Finance Minister Arun Jaitley says, "I never gave him an appointment" on Vijay Mallya's claim that he met the Finance Minister before he left. pic.twitter.com/aGxlD69NHY
— ANI (@ANI) 12 सितंबर 2018
उधर, विजय माल्या के दावे के बाद देश की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा है.
VIDEO : विजय माल्या का दावा, भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से की थी मुलाकात
बता दें कि बुधवार को अपने प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के दौरान शराब कारोबारी विजय माल्या लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान उन्होंने कोर्ट को बताया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और बैंकों के कर्ज के सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था.