दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों ही पार्टियां मिलकर देश को लूटने का काम कर रही हैं.
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नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इसलिए सत्ता सौंपी थी, क्योंकि वे कांग्रेस को हटाकर बदलाव चाहते थे, लेकिन भाजपा उन्हीं घोटालों को आगे ले जा रही है, जिनकी शुरुआत कांग्रेस के राज में हुई थी.
AAP के आरोप
पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले के संदर्भ में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता केजरीवाल ने कहा कि एक व्यक्ति एक बैंक को 11 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाकर देश से भाग जाता है. यह महज इत्तेफाक नहीं है. निश्चित तौर पर इसमें कई एजेंसियां शामिल हैं.
हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा किए गए 1.8 अरब डॉलर के घपले के संदर्भ में केजरीवाल ने कहा कि यह शीर्ष स्तर से बिना हरी झंडी मिले संभव नहीं है. केंद्र सरकार में शीर्ष (पदों) पर बैठे लोग इसमें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आम लोग अब सार्वजनिक बैंकों में जमा अपने धन को लेकर परेशान हैं.
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उन्होंने कहा, "लोग आते हैं और मुझसे अपने धन की सुरक्षा के बारे में पूछते हैं. केंद्र को जवाब देना चाहिए कि नीरव मोदी और विजय माल्या अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुए."
PNB scam 2011 में चालू हुआ, आज तक चल रहा है। भाजपा cong पर आरोप लगा रही है और cong भाजपा पर
सच ये है कि cong के समय के सारे घोटाले आज भी चल रहे हैं। पहले cong कमाती थी, अब उन्ही घोटालों से भाजपा कमाती है। इसीलिए आज तक भाजपा ने किसी भी घोटाले में एक भी cong वाले को जेल नहीं भेजा
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) 17 फ़रवरी 2018
आज भी घोटाले जारी
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा कह रही है कि घोटाला 2011 में शुरू हुआ. कांग्रेस कह रही है यह बाद में शुरू हुआ. कांग्रेस के शासनकाल में शुरू हुए घोटाले आज भी जारी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कांग्रेस (लोगों का) धन हड़पती थी. अब भाजपा यही काम कर रही है. लोगों ने बदलाव के लिए भाजपा को चुना, लेकिन इसने सत्ता में आने के बाद अभी तक एक भी कांग्रेसी को जेल नहीं भेजा है, क्योंकि दोनों ही पार्टियां समान रूप से भ्रष्ट हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘इसलिए, यह साफ है कि केंद्र की शीर्ष पंक्ति इस मामले में शामिल है. यह कैसे संभव है कि विजय माल्या 9000 करोड़ रूपये ले कर और नीरव मोदी 11,000 करोड़ रुपये ले कर भाग जाए. इससे साफ संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार का शीर्ष नेतृत्व इसमें सीधे शामिल हैं.’’
(इनपुट एजेंसियों से)