सोमवार को एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में दिल्ली विधानसभा ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की. सत्ताधारी‘ आप’ और विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने एससी- एसटी कानून के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध किया.
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नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) उत्पीड़न निरोधक कानून की‘‘ मौलिक भावना’’ संरक्षित होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी एससी- एसटी कानून के प्रावधानों को कथित तौर पर कमजोर करने के विरोध में दलित संगठनों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन का समर्थन करती है.
आप का एससी-एसटी आंदोलन को समर्थन
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ एससी- एसटी उत्पीड़न रोकथाम कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से पैदा हुए हालात में ‘आप’ एससी- एसटी समुदाय के आंदोलन के साथ है. केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय में अर्जी के लिए शीर्ष वकील तैनात करने चाहिए और कानून की जरूरत एवं मौलिक भावना संरक्षित होनी चाहिए.’’
AAP SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उत्पन्न हुई स्थिति में SC/ST समाज के आंदोलन के साथ है. केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका के लिए देश के जाने माने वरिष्ठ वकीलों लगाए व एक्ट की जरूरत और उसकी मूलभावना को संरक्षित रखा जाए
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 2, 2018
वहीं आप नेता आशुतोष ने कहा कि SC/ST एक्ट को कमज़ोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को फौरन ठीक करने के लिए मोदी जी फौरन अध्यादेश लेकर आइए! दलितों के साथ अन्याय पर आप इस तरह चुप होकर नहीं बैठ सकते.
SC/ST act को कमज़ोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को फ़ौरन ठीक करने के लिये मोदी जी फौरन अध्यादेश लेकर आइये ! दलितों के साथ अन्याय पर आप इस तरह चुप होकर नहीं बैठ सकते .
— ashutosh (@ashutosh83B) April 2, 2018
सोमवार को एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में दिल्ली विधानसभा ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की. सत्ताधारी‘ आप’ और विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने एससी- एसटी कानून के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध किया.