RSS हिंदू राष्ट्रवाद में यकीन रखता है, मैं उसके न्योते को कभी स्वीकार नहीं करूंगा : ओवैसी
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RSS हिंदू राष्ट्रवाद में यकीन रखता है, मैं उसके न्योते को कभी स्वीकार नहीं करूंगा : ओवैसी

ओवैसी ने कहा, ‘यह एक ऐसा संगठन है जो हिंदू राष्ट्रवाद में यकीन रखता है. मैं कभी भी यह बेवकूफी नहीं करूंगा और प्रणब मुखर्जी की गलती नहीं दोहराउंगा.’ 

ओवैसी ने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को आम आदमी की पहुंच से दूर कर पर्याप्त अंधेरा सुनिश्चित कर दिया है.

हैदराबाद: एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि आरएसएस हिंदू राष्ट्रवाद का प्रतिनिधित्व करता है और वह उसके किसी कार्यक्रम में भाग लेने का कोई न्योता कभी स्वीकार नहीं करेंगे. 

हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने आरएसएस द्वारा विभिन्न नेताओं को संघ प्रमुख मोहन भागवत के तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के लिए दिए गए न्योते पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए यह कहा. यह कार्यक्रम नई दिल्ली में अगले हफ्ते होना है. 

आरएसएस ने संकेत दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और विभिन्न विचारधारा वाले राजनीतिक संगठनों के नेताओं के अलावा धर्मगुरूओं, मीडियाकर्मियों और 60 से ज्यादा देशों के राजदूतों को आमंत्रित करेगा. 

ओवैसी ने कहा, ‘यह एक ऐसा संगठन है जो हिंदू राष्ट्रवाद में यकीन रखता है. मैं कभी भी यह बेवकूफी नहीं करूंगा और प्रणब मुखर्जी की गलती नहीं दोहराउंगा.’ उन्होंने जून में नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति के शामिल होने का जिक्र करते हुए यह कहा. 

तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर साधा निशाना
ओवैसी ने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को आम आदमी की पहुंच से दूर कर पर्याप्त अंधेरा सुनिश्चित कर दिया है. 

उन्होंने कहा कि गाय के नाम पर दलितों और मुसलमानों की भीड़ हत्या कर रही है. हर तरफ अंधेरा है. उजाला तभी आएगा जब भाजपा को सत्ता से बेदखल किया जाएगा. 

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ लुक आउट नोटिस को कमजोर किए जाने संबंधी भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी की टिप्पणी पर ओवैसी ने कहा,‘यदि वह सचमुच में सच्चे देशभक्त हैं तो अदालत का रूख कर उन्हें इसे तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने से कौन रोक रहा है.’

(इनपुट - भाषा)

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