राम मंदिर पर थरूर के बयान के बाद जावड़ेकर ने कहा- चुनाव के समय कांग्रेस हिंदू हो जाती है
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राम मंदिर पर थरूर के बयान के बाद जावड़ेकर ने कहा- चुनाव के समय कांग्रेस हिंदू हो जाती है

शशि थरूर ने एक कार्यक्रम में कहा कि कोई भी अच्छा हिंदू विवादित जगह पर राम मंदिर नहीं चाहेगा.

 

बयान देने के बाद थरूर ने कहा कि यह पार्टी की तरफ से बयान नहीं है.

नई दिल्ली: राम मंदिर को लेकर कांग्रेसी नेता शशि थरूर के हालिया बयान पर केंद्रीय मानव संसाधन (HRD) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'थरूर का मानना है कि जो सच्चे हिंदू हैं वे नहीं चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो. यह थरूर और राहुल गांधी का नजरिया हो सकता है, लेकिन लोगों का नजरिया नहीं है. उनके बयान से साफ पता चलता है कि वे सच्चाई से कितने दूर हैं और कैसे वे चुनाव के समय हिंदू बन जाते हैं.'

थरूर के बयान को लेकर बीजेपी एकबार फिर कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. बढ़ते विवादों के बीच थरूर ने ट्वीट कर कहा कि मेरे बयानों को कुछ मीडिया हाउस ने गलत तरीके से पेश किया है. ऐसा जान बूझकर किया गया है. फिर उन्होंने अपनी बात दोहराई और कहा, ज्यादातर हिंदू जो राम में विश्वास रखते हैं वे चाहते हैं कि जहां उनका जन्म हुआ है वहां मंदिर बने. लेकिन, अच्छे हिंदू नहीं चाहेंगे कि राम मंदिर का निर्माण दूसरे लोगों द्वारा पूजा किए जाने की जगह को तोड़कर हो.

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राम मंदिर पर बयान मेरा निजी विचार है- थरूर.

अपने ही ट्वीट को रिट्वीट करते हुए थरूर ने कहा कि लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान मुझसे मेरे निजी राय के बारे में पूछा गया था, जिसके जबाव में मैंने ये बात कही. मैं अपनी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं, इसलिए मैंने जो कुछ कहा वह कांग्रेस का कहना नहीं है.

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थरूर के बयान पर सुब्रमण्यम स्वामी ने उन्हें नीच तक कह दिया.

बता दें, कांग्रेस नेता ने द हिंदू लिट फॉर लाइफ डायलॉग 2018 में ये बात कही है. उनके बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पलटवार किया है. स्वामी ने इस बयान के लिए थरूर को 'नीच आदमी' तक कह दिया है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी थरूर के इस बयान का समर्थन नहीं करेगी. वह खुद को इससे अलग कर लेगी. थरूर ने बिना सोचे समझे यह बयान दिया है.

पिछले महीने 21 सितंबर को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हिंदू धर्म की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि हिंदू एक अनोखा धर्म है और मौजूदा दौर के लिए अनुकूल है. थरूर ने धर्म के राजनीतिकरण की बखिया भी उधेड़ी. न्यूयॉर्क में जयपुर साहित्य महोत्सव के एक संस्करण में बातचीत सत्र के दौरान थरूर ने कहा, "हिंदू धर्म इस तथ्य पर निर्भर करता है कि कई सारी बातें ऐसी हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं."

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