आरएसएस की रणनीति : देश भर में 'पहले हिंदू' की विचारधारा का करो प्रसार
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आरएसएस की रणनीति : देश भर में 'पहले हिंदू' की विचारधारा का करो प्रसार

हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चाहता है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम और ईसाई यह स्वीकार करें कि भारत हिंदुओं का राष्ट्र है। आरएसएस की रणनीति विधानसभा चुनाव की तरफ बढ़ रहे पश्चिम बंगाल में अपने एजेंडे को प्रभावी बनाना है।

आरएसएस की रणनीति : देश भर में 'पहले हिंदू' की विचारधारा का करो प्रसार

कोलकाता : हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चाहता है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम और ईसाई यह स्वीकार करें कि भारत हिंदुओं का राष्ट्र है। आरएसएस की रणनीति विधानसभा चुनाव की तरफ बढ़ रहे पश्चिम बंगाल में अपने एजेंडे को प्रभावी बनाना है।

संघ की रणनीति : पूरे भारत में हिंदू पहले की अपनी विचारधारा को फैलाना है। इसके लिए संघ ज्यादातर राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सुनिश्चित करना चाहता है। लोकसभा चुनावों में मोदी को पीएम बनाने के लिए आरएसएस ने काफी मेहनत की थी। भाजपा के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भाजपा की जीत मोदी सरकार को राज्य सभा में मजबूत बनाएगी और राज्य सभा में मोदी सरकार के मजबूत होने पर उसे अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। राज्य सभा में अल्प मत का सामना कर रही मोदी सरकार की रणनीति अगले चार वर्षों में 31 विधानसभाओं में से 20 में अपना प्रभुत्व जमाना है। अभी भाजपा 11 विधानसभाओं में सत्ता में है अथवा किसी के साथ गठबंधन में है।  

आरएसएस और भाजपा के दो दर्जन से अधिक पदाधिकारियों के साक्षात्कार के बाद दो स्तरीय रणनीति सामने आई। पहला राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव में जीत दर्ज करना और इसके बाद राज्यों में अपनी सत्ता कायम करना। इसमें भाजपा को अपनी पहली रणनीति में कामयाबी मिल चुकी है।

आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने रायटर्स से कहा, 'हम चाहेंगे कि भाजपा सभी राज्यों में जीत दर्ज करे क्योंकि तभी जाकर इस देश में अहम सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलाव हो सकते हैं। 2014 की चुनावी जीत को एक लंबे मिशन की शुरुआत के तौर पर देखा जा सकता है।'

आरएसएस भाजपा का वैचारिक स्रोत माना जाता है। मोदी सरकार ने अपनी कैबिनेट में आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित नेताओं को जगह दी है। यही नहीं संघ के शुभचिंतकों की नियुक्ति एफटीआईआई, आईसीएचसी जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं के प्रमुख के तौर पर की गई है। कैबिनेट के ज्यातार मंत्रियों की राजनीतिक चेतना संघ और इसके सहायक संगठनों के संरक्षण में विकसित हुई है। खुद पीएम मोदी लंबे समय तक आरएसएस के स्वयंसेवक रह चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मोदी कैबिनेट के सात मंत्री अपनी युवा अवस्था में आरएसएस की सेवा स्वयंसेवक के रूप में की है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह आरएसएस के पदाधिकारी रह चुके हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह देश भर में गोहत्या पर पाबंदी पर जोर दे रहे हैं।

ऐसे मुद्दे जो आरएसएस के प्रिय हैं, सरकार अपनी नीतियों में उन मुद्दों को तवज्जो दे रही है। जैसे कि लापता सरस्वती नदी की खोज। भारत सरकार के पुरातत्ववेत्ताओं को इस नदी की खोज करने के लिेए कहा गया है।

(रायटर्स से साभार)     

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