मोदी सरकार की बड़ी सफलता, तीन साल में विदेशों से वापस लाई गईं 24 प्राचीन मूर्तियां
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मोदी सरकार की बड़ी सफलता, तीन साल में विदेशों से वापस लाई गईं 24 प्राचीन मूर्तियां

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एक आरटीआई के जवाब में खुलासा करते हुए कहा कि इन 24 प्राचीन वस्तुओं में 16 अमेरिका, पांच ऑस्ट्रेलिया और कनाडा, जर्मनी और सिंगापुर से एक-एक मूर्ति वापस भारत लाई गईं हैं.

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से लेकर अब तक करीब 24 प्राचीन मुर्तियां और कीमती सामान विदेशों से वापस लाया गया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से लेकर अब तक करीब 24 प्राचीन मुर्तियां और कीमती सामान विदेशों से वापस लाया गया है. इनमें चोल शासकों के समय की श्रीदेवी की धातु की मूर्ति और मौर्य काल की टेराकोटा की महिला की मूर्ति शामिल जैसी कीमती चीजें शामिल हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एक आरटीआई के जवाब में खुलासा करते हुए कहा कि इन 24 प्राचीन वस्तुओं में 16 अमेरिका, पांच ऑस्ट्रेलिया और कनाडा, जर्मनी और सिंगापुर से एक-एक मूर्ति वापस भारत लाई गईं हैं.

बेशकीमती विरासत

इनमें बाहुबली और नटराज की भी एक-एक मूर्ति शामिल हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2014 से 2017 के बीच इन देशों ने स्वेच्छा से ये मुर्तियां लौटाईं हैं. हालांकि इस बात का अब भी पता नहीं चल पाया है कि ये बेशकीमती विरासत देश से कब और कैसे बाहर गईं थीं. एएसआई से मिली जानकारी के मुताबिक पुरातन काल का 13 बेशकीमती सामान अब भी स्विट्जरलैंड सहित अन्य देशों से लाया जाना है.

चोल वंश की मूर्ति

वहीं इस मामले में सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत से चोरी करके विदेश ले जाई गईं प्राचीन मूल्यवान सामान को वापस भारत लाने के लिए कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से वापस लाने पर जोर दिया जा रहा है. अमेरिका से जो मूर्तियां वापस लाई गईं हैं उनमें से तमिलनाडु के चोल वंश की श्रीदेवी और बाहुबली की धातु की प्रतिमा शामिल हैं.

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