नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, पैतृक जमीन बंटवारे में नहीं देना होगा कोई शुल्क
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नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, पैतृक जमीन बंटवारे में नहीं देना होगा कोई शुल्क

निबंधन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इस फैसले से अब जमीन संबंधी झगड़े कम होंगे. जमीन विवाद में लाठी चलना बंद हो जायेगा.

पैतृक संपत्ति के बंटवारे में नहीं लगेगा कोई शुल्क. (फाइल फोटो)

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब पैतृक जमीन के बंटवारे में कोई शुल्क नहीं देना होगा. महज 100 रुपये का प्रतीकात्मक शुल्क, जिसमें 50 रुपया स्टाम्प ड्यूटी और 50 रुपया रजिस्ट्रेशन शुल्क देकर पैतृक संपत्ति का बंटवारा हो जायेगा. इससे पहले पैतृक संपत्ति पर कुल पांच प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी लगता था.

बिहार सरकार के इस निर्णय से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. निबंधन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इस फैसले से अब जमीन संबंधी झगड़े कम होंगे. जमीन विवाद में लाठी चलना बंद हो जायेगा.

लोक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुबोध कुमार ने ऐसा सुझाव दिया था. कैबिनेट की बैठक में कुल 21 एजेंडों पर मुहर लगी है.

बैठक में आयुर्वेद महाविद्यालयों में कुल 156 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. इसके अलावा बीपीएससी के विभिन्न परीक्षाओं के लिए ती करोड़ 60 लाख रुपये की निकासी के लिए हरी झंडी दी गई. बेल्ट्रान से आउटसोर्स किए गए प्रोग्रामर, स्टेनोग्राफर, आईटी बॉय, आईटी गर्ल के सेवा काल में आकस्मिक मौत पर चार लाख रुपये के अनुदान देने का फैसला लिया गया है. 

इसके अलावा ग्रामीण इलाके में भी प्लास्टिक पर पाबंदी का फैसला लिया गया है. नोटिफिकेशन के 60 दिन के बाद प्लास्टिक के इस्तेमाल और बेचने पर लगेगा जुर्माना. बिहार कैबिनेट की बैठक में मुंगेर में वानिकी महाविद्यालय के लिए 105 करोड़ की राशि की स्वीकृति दी गई है.