सीएम नीतीश के गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए नहीं जाने पर तेजस्वी ने चुटकी ली
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सीएम नीतीश के गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए नहीं जाने पर तेजस्वी ने चुटकी ली

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह सांसद आर सी पी सिंह ने रविवार (26 नवंबर) को कहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अभीतक उनकी पार्टी के कुल 52 प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर चुके हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री तथा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार के लिए गुजरात नहीं जाने पर रविवार को चुटकी लेते हुए कहा नीतीश का नाम जदयू के स्टार प्रचारकों की सूची से ग़ायब है, जबकि उनकी पार्टी के 50 से अधिक प्रत्याशी चुनवी मैदान में उतरे हैं. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह सांसद आर सी पी सिंह ने रविवार (26 नवंबर) को कहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अभीतक उनकी पार्टी के कुल 52 प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर चुके हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने नहीं जाएंगे.

तेजस्वी ने कहा कि नीतीशजी को जनता के सामने सच बयान करना चाहिए कि आखिर जिस राज्य गुजरात में उनकी पार्टी के 50 से ज़्यादा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, वहां वह चुनाव प्रचार के लिए क्यों नहीं जा रहे हैं? उन्हें वहाँ जाने से किसने रोका है? उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में नीतीश जी स्टार प्रचारक नहीं है लेकिन दिल्ली नगर निगम चुनावों में उन्होंने वार्ड-वार्ड प्रचार किया था.

तेजस्वी ने कहा '2009 के लोकसभा और 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को बिहार में चुनाव प्रचार नहीं करने के लिए किसने रुकवाया था? अब लगता है कि इसका बदला मोदी उनसे (नीतीश कुमार) ले रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दरअसल नीतीश जी ने जिस-जिस अन्दाज़ में मोदीजी को अपमानित किया था. उनके नाम पर गठबंधन तोड़ा था अब उसी अंदाज में वह नीतीश जी से बदला ले रहे है.

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश जी अब उनके सामने इतने बेबस हैं कि एक शब्द बोलने की स्थिति में नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजगीर में ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को आखिरी पल में स्थगित कर एवं पटना यूनिवर्सिटी शताब्दी समारोह में उनकी माँगो को ठुकरा मोदी सरकार ने उन्हें पहले ही उन्हें स्थान दिखा दिया है.

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीशजी 'अहंकारवश' कहते थे कि वह किसी के भरोसे राजनीति नहीं करते, लेकिन आखिर क्या वजह है कि भाजपा द्वारा बार-बार जगह दिखाने के बावजूद वह चुप्पी साधे बैठें हैं? आखिर क्या मजबूरी है कि भाजपा बार बार उन्हें अपमानित कर रही है फिर भी वह मुंह नहीं खोल पा रहे है?

(इनपुट: भाषा)