बिहार चुनाव: खगड़िया का पुल बना चुनावी मुद्दा
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बिहार चुनाव: खगड़िया का पुल बना चुनावी मुद्दा

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यह कहा था कि राज्य के किसी कोने से महज छह घंटें में राजधानी पटना पहूंचा जा सकता है। लेकिन उनके दावों की हकीकत की पोल खगड़िया में खुल जाती है। यहां के बेलदौर प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय आने में कितनें घंटे लगेंगे, यह नही कहा जा सकता है तो राजधानी पटना की बात ही क्या है। पिछले पांच साल से बीपी मंडल पुल टुटे होने की वजह से यहां लोगों को काफी परेशानी हो रही है । ऐसे मे इस चुनाव में बैठे बिठाए उम्मीदवारों को एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है।

पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यह कहा था कि राज्य के किसी कोने से महज छह घंटें में राजधानी पटना पहूंचा जा सकता है। लेकिन उनके दावों की हकीकत की पोल खगड़िया में खुल जाती है। यहां के बेलदौर प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय आने में कितनें घंटे लगेंगे, यह नही कहा जा सकता है तो राजधानी पटना की बात ही क्या है। पिछले पांच साल से बीपी मंडल पुल टुटे होने की वजह से यहां लोगों को काफी परेशानी हो रही है । ऐसे मे इस चुनाव में बैठे बिठाए उम्मीदवारों को एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है।
 
कोशी के लाईफ लाईन कहे जाने वालेबीपी मंडल पुल के टुटने के बाद नही सिर्फ बेलदौर बल्कि सहरसा सुपौल मधेपुरा के लोगों को आनेजाने के लिए नाव ही एक सहारा बचा है। पुल नही रहने के कारण पूरा क्षेत्र का विकाश मानो थम सा गया हो। पिछले पांच साल से यहां लोग जान जोखिम में डालकर नाव से आवागमन करते है लेकिन उनका दर्द सुनने वाला कोई नही।

बेलदौर विधानसभा के सबसे बड़ी समस्या को लोग पिछले पांच साल से झेल रहा है लेकिन पुल मरम्मती कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है । जनप्रतिनिधि या सरकार नें इस बडी समस्या पर खास दिलचस्पी नही दिखाई और ऐसे में यह मुद्दा बन गया है जिसका फायदा चुनावी उम्मीदवार उठाना चाहते है। अब देखना यह है कि बेलदौर प्रखंड के इस समस्या से कबतब लोगों को निजात मिल पाती है।