मुजफ्फरपुर रेप कांड जांच की मीडिया रिपोर्टिंग पर लगे बैन को SC ने हटाया, दी हिदायतें
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मुजफ्फरपुर रेप कांड जांच की मीडिया रिपोर्टिंग पर लगे बैन को SC ने हटाया, दी हिदायतें

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार मुजफ्फरपुर रेप कांड जांच की मीडिया रिपोर्टिंग पर लगाए गए बैन को हटा लिया गया है.

मुजफ्फरपुर रेप कांड जांच की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक हटा ली गई है. (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली/पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर रेप कांड की जांच से संबंधित मीडिया रिपोर्टिंग पर पटना हाईकोर्ट रोक लगा दी थी. जिसके बाद मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार मुजफ्फरपुर रेप कांड में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगाए गए बैन को हटा लिया गया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रिपोर्टिंग को लेकर कुछ अहम गाइड लाइन भी दी है. मीडिया को इस गाइड लाइन के अनुरूप ही रिपोर्टिंग करने का आदेश दिया गया है.

मुजफ्फरपुर बालिका गृह के मामले में पटना हाईकोर्ट ने 24 अगस्त को मीडिया पर इस मामले की रिपोर्टिंग करने पर रोक लगा दी थी. साथ ही हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक लगा दी गई थी. कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई जांच से जुड़े तथ्यों की जानकारी प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया तक कैसे पहुंच रही है. इससे जांच प्रभावित हो रही है.

जिसके बाद जांच की रिपोर्टिंग पर रोक लगाने वाले पटना हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और इससे संबंधित रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था. 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई. वहीं, 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुजफ्फरपुर मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक को हटा लिया है.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए गाइड लाइन के अंदर रिपोर्टिंग करने की शर्त भी रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले ही रेप, यौन शोषण मामले में मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर गाइड लाइन जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि रेप पीड़िता की किसी भी तरह की फोटो या वीडियो उजागर नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि इसे ब्लर करके भी नहीं दिखाया जाना चाहिए.

इसी गाइड लाइन के तहत मुजफ्फरपुर रेप कांड की रिपोर्टिंग पर लगे बैन को हटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और NBA को नोटिस जारी कर ऐसे अपराधों में मीडिया रिपोर्टिंग के लिए गाइडलाइन बनाने में सहयोग मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मीडिया ट्रायल नहीं बल्कि मीडिया जजमेंट है. कोर्ट ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आत्म चिंतन करें कि क्या हो रहा है. मुजफ्फरपुर मामले में कोर्ट ने कहा कि मीडिया ने पहले ही आरोपियों को दोषी करार दे चुका है.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग पर ब्लैंकेट बैन नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए सीमा रेखा होनी चाहिए. कोर्ट ने आदेश दिया है कि यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता का किसी भी तरह से पहचान उजागर न हो. पीड़िता का कोई इंटरव्यू नहीं होगा. इस तरह के मामले को मीडिया सनसनीखेज न बनाएं.