बिहार के पश्चिमी चंपारण में भारत-नेपाल बाडर्र पर स्थित वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में आने वाले सैलानियों के लिए खुशखबरी है.
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पश्चिमी चंपारणः बिहार के पश्चिमी चंपारण में भारत-नेपाल बाडर्र पर स्थित वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में आने वाले सैलानियों के लिए खुशखबरी है. राज्य सरकार ने वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के रहने व घूमने के किराये में 50 प्रतिशत की कमी कर दी है. यहां पर्यटकों को लुभाने के लिए वन्य जीवन पर आधारित फिल्में भी दिखाई जायेंगी.
स्थानीय संस्कृति पर आधारित नृत्य का आनंद भी पर्यटक ले सकेंगे. पर्यटकों को एक लीफलेट क्षेत्र की सभी जानकारियों मिलेंगी. राफ्टिंग से लेकर जंगल सफारी तक का किराया कम कर दिया गया है. बुधवार को वाल्मीकि नगर के दौरे पर आये उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने यह घोषणा की.
उन्होंने कहा कि पूर्वी बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की तरह कोई दूसरा सुंदर कैंप नहीं है. वाल्मीकि विहार होटल 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए उपलब्ध होगा. वन विभाग के बंबू हट, ट्री हट, जंगल कैंप और टेंट कैंप के वातानुकूलित और सामान्य कमरों में एक साथ 46 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है.
उन्हें आकर्षित करने के उद्देश्य से जंगल कैंप स्थित वातानुकूलित कमरे का किराया ढाई हजार है. अब 1250 रुपये और सामान्य का 1000 के अलावा इ-हाट और बंबू हट का किराया भी पांच सौ कर दिया गया है. राफ्टिंग के लिए उपलब्ध मोटर बोट का किराया भी ढाई हजार से 500 कर दिया गया है. कोलेश्वर मंदिर जाने के लिए बना कैनोपी झूला अब पोल्यूशन झूला के नाम से जाना जायेगा.
पर्यटक यहां के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान सकें, इसके लिए जटाशंकर और महाकालेश्वर मंदिर के निकट शिलालेख लगेगा. उन्होंने कहा कि कर्नाटक से और हाथियों को मंगाया जायेगा. जंगल कैंप के सामने बन रहे इको पार्क को विकसित किया जा रहा है.
जंगल सफारी के लिए सरकारी और प्राइवेट मिला कर कुल आठ गाड़ियां उपलब्ध हो चुकी हैं. पहले से चार गाड़ियां थीं. चार गाड़ियों का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री ने झंडी दिखा कर किया. पर्यटकों के लिए विभाग की तरफ से साइकिल भी उपलब्ध करायी जायेगी.